राफेल डील पर फ्रांस की मीडिया ने भी उठाए सवाल, बोफोर्स घोटाले से की तुलना!

<p>फ्रांस के साथ राफेल डील यानी लड़ाकू विमान खरीदने का मामला मोदी सरकार के लिए संकट बन चुका है। राफेल डील पर फ्रांस की मीडिया ने भी सवाल खड़े किए हैं। सवाल का अहम पहलू HAL (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) को बाहर कर निजी क्षेत्र की रिलायंस डिफेंस को शामिल करना है।</p>

<p>फ्रांस&nbsp; के प्रमुख अख़बार &#39;फ्रांस 24&#39; ने राफेल डील के कथित घोटाले की तुलना 1980 के बोफोर्स घोटाले से की है। फ्रांसिसी अख़बार ने सवाल उठाए हैं कि आखिर कैसे 2007 में शुरू हुई डील से 2015 में एचएएल को बाहर कर निजी क्षेत्र की कंपनी रिलायंस डिफेंस को शामिल किया गया?</p>

<p>जानकारी के लिए बता दें कि राफेल डील की शुरुआत 2007 में तब हुई जब भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अपना सबसे बड़ा टेंडर जारी करते हुए 126 मल्टी रोल लड़ाकू विमान खरीदने का ऐलान किया।&nbsp; क्योंकि, देश में इस्तेमाल हो रहे रूसी विमान काफी पुराने हो चुके थे। लिहाजा, वायु सेना को अत्याधुनिक फाइटर जेट की जरूरत थी।</p>

<p>हालांकि, इस मसले पर काफी वार-पलटवार हो रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस डील को लेकर सीधे मोदी सरकार पर हमला बोली है, तो वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली इस डील पर अपनी सरकार का बचाव कर रहे हैं। मगर, जिस तरह से फ्रांस में भी इस डील में घोटाले का शक जाहिर किया गया है, तो जरुरी है कि इस डील के अहम पहलुओं को भी आप समझ लें।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>मनमोहन सरकार की डील क्या थी? </strong></span></p>

<p>2007 से लगातार 5 साल तक चली लड़ाकू विमान खरीद को लेकर चली बातचीत के बाद तत्कालीन यूपीए की सरकार ने फ्रांसीसी कंपनी &#39;द सॉल्ट&#39; को विमान बनाने का टेंडर दिया। दसॉल्ट राफेल की मैन्यूफैक्चरिंग करता है। 2012 के इस समझौते के मुताबिक रक्षा मंत्रालय इंडियन एयरफोर्स में तुरंत तैनाती के लिए 18 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद अर्जेट बेसिस पर फ्रांस की कंपनी से करेगा। जबकि, बाकी बचे हुए 108 लड़ाकू विमानों की असेंब्ली दसॉल्ट भारत सरकार की कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ मिलकर भारत में ही करेगा।</p>

<p>मसलन, इस डील में 108 विमानों की मैन्युफैक्चरिंग का काम भारत में होना था और भारत सरकार की कंपनी इसकी तकनीक को समझने वाली थी और इसकी मेकिंग में भागीदार भी थी।</p>

<p>इस संबध में भारत के अलावा फ्रांस की मीडिया के मुताबिक मनमोहन सिंह की सरकार में डील के वक्त भारत का मानना था कि इस डील से भारत सरकार की एरोस्पेस और डिफेंस कंपनी एचएएल की आधुनिक उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा और वह देश के लिए लड़ाकू विमान बनाने के लिए तैयार हो जाएगी। प्रतिष्टित अख़बार &#39;फ्रांस 24&#39; के मुताबिक यूपीए सरकार की यह डील कीमत और क्षमता पर विवाद के चलते अगले 3 साल तक अटकी रही। शुरुआत में यह डील जो महज 12 बिलयन डॉलर की थी वह बढ़कर 20 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई। कीमत में बढ़ोतरी का आधार विमानों के भारत में ही निर्मित करना था।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>मोदी सरकार में डील में कैसे हुए बदलाव? </strong></span></p>

<p>राफेल लड़ाकू विमान का सौदा अभी अधर में ही लटका था कि मई 2014 के आम चुनाव में भारत की सत्ता बदल गई और केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। उस दौरान पीएम मोदी फ्रांस के दौरे पर गए और अपने महत्वाकांक्षी योजना &#39;मेक इन इंडिया&#39; के तहत फ्रांसीसी कंपनियों को भारत के साथ करार का न्योता दिया।</p>

<p>इसी दौरे के दौरान पीएम मोदी ने पेरिस से राफेल डील को आगे बढ़ाया। नई डील के मुताबिक भारत ने 108 लड़ाकू विमानों की खरीद छोड़ सिर्फ 36 लड़ाकू विमान खरीदने का डील फाइनल किया। ऐसे में पुरानी कीमत के हिसाब से विमानों की खरीद के लिए सिर्फ 8.7 बिलियन डॉलर खर्च करने थे। गौर करने वाली बात यह थी कि इन विमानों को भारत में नहीं बल्कि फ्रांस में ही निर्मित किए जाने पर सहमति बनी। फ्रांस में तैयार विमान को भारत सिर्फ खरीदेगा। जैसे किसी दुकान से हम बना-बनाया सामान खरीदते हैं।</p>

<p>अब इस डील का एक बड़ा विवादत पक्ष सामने आया। जिसमें राफेल विमान बनाने वाली दसॉल्ट कंपनी अपनी कुल कमाई का आधा हिस्सा एक निश्चित तरीके से भारत में निवेश करेगी. डील के इस पक्ष को &#39;ऑफसेट क्लॉज&#39; नाम दिया गया। अब दसॉल्ट को यह तय करना था कि वह 8.7 बिलियन डॉलर की आधी रकम को वापस भारत के डिफेंस सेक्टर में कैसे निवेश करे…।</p>

<p><strong><span style=”color:#c0392b”>डील में रिलायंस डिफेंस की एंट्री </span></strong></p>

<p>फ्रांस-24 की रिपोर्ट की माने तो डील में एक ऐसा बदलाव हुआ जो सभी को हैरान करने वाला था। भारत में उसकी सरकारी कंपनी एचएएल के पास डेफेंस मैन्यूफैक्चरिंग का 78 साल का लंबा अनुभव था। ऐसे में मात्र एचएएल ही एक ऐसी कंपनी थी जो &#39;ऑफ क्लॉज&#39; के तहत विमान के मेकिंग में हिस्सेदारी रखने वाली थी। लेकिन दसॉल्ट ने एचएएल से करार तोड़ा और अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप से करार कर लिया। गौर करने वाली बात ये है कि इस वक्त तक रिलायंस के पास डिफेंस सेक्टर की मैन्यूफैक्चरिंग छोड़िए उसे एविएशन सेक्टर का भी कोई तजुर्बा नहीं था।</p>

<p>फ्रांस 24 दावा करता है कि दसॉल्ट ने जिस अंबानी की कंपनी को एचएएल की जगह तरजीह दी उस कंपनी को डील से महज 15 दिन पहले ही बनाया गया। यानी कंपनी का अस्तीत्व पीएम मोदी के फ्रांस दौरे से ठीक 13 दिन पहले आया। पीएम मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान शामिल कारोबारियों में अनिल अंबानी भी थे।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>बोफोर्स की तरह चुनावी नइया डुबाएगा राफेल डील!</strong></span></p>

<p>फ्रांसिसी अखबार फ्रांस 24 राफेल डील की तुलना बोफोर्स कांड से करता है। अखबार कहता है कि आगमी लोकसभा चुनाव 2019 में इस डील की भूमिका ठीक वैसे ही हो सकती है जैसे 1980 के दशक में बोफोर्स डील ने किया था। उल्लेखनीय है कि बोफोर्स कांड के चलते ही राजीव गांधी की नेतृत्व वाली सरकार सत्ता से ऐसे गायब हुई कि कभी भी बहुमत से सरकार नहीं बना पायी।</p>

Samachar First

Recent Posts

किसानों की आसमां से उम्मीदें टूटीं: हिमाचल में अभी बारिश के आसार कम, खेत बंजर, रबी फसलों की बिजाई पर संकट

  Post-Monsoon Drought Himachal: हिमाचल प्रदेश में पिछले दो महीनों से बारिश न होने के…

28 minutes ago

जानें, किस राशि के जातकों को मिलेगी सफलता और किसे रखना होगा संयम

Daily Horoscope November 25: सोमवार का दिन कई राशियों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव और नई…

1 hour ago

जीपीएस की गलती बनी जानलेवा: कार नदी में गिरी, तीन की मौत

Bareilly GPS Navigation Acciden: बरेली में  एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत…

15 hours ago

एनसीसी स्थापना दिवस पर मंडी में रक्तदान शिविर, 50 कैडेटों ने दिखाया उत्साह

NCC Raising Day Blood Donation Camp: एनसीसी एयर विंग और आर्मी विंग ने रविवार को…

15 hours ago

यहां पढ़ने वाले पिछले 65 साल में हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ रहे:धर्माणी

Sundernagar Polytechnic Alumni Meet: मंडी जिले के सुंदरनगर स्थित राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में रविवार को…

15 hours ago

हिमाचल में सहकारिता क्षेत्र में महिलाओं के आरक्षण पर विचार कर रही सरकार: मुकेश अग्निहोत्री

Himachal Cooperative Sector Development: मंडी जिले के तरोट गांव में आयोजित हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी…

16 hours ago