केंद्रीय मंत्री थाबर चंद गहलोत ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर जमकर सवाल उठाए हैं। गहलोत कहा कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो निराशा और हताशा का नतीजा है। वर्ष 2012 के चुनावों में कांग्रेस ने 222 वायदे प्रदेश की जनता के साथ किए थे, जिनमें से 108 पर कुछ भी नहीं किया गया। यानी कि जनता के साथ उस समय भी धोखा किया गया।
अब नए घोषणापत्र में भी जनता को छलने का प्रयास किया गया है। नए घोषणापत्र में 275 वायदे किए हैं जिनमे अधिकतर पुरानी घोषणाएं है। कांग्रेस के घोषणापत्र में भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी और सजा की बात कही गई है। गहलोत ने कहा कि फिर भ्रष्टाचार से घिरे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर कार्यवाही क्यों नहीं की।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस जान चुकी है कि उनकी हार सुनिश्चित है इसलिए हताशा और निराशा में ये घोषणापत्र जारी किया गया है। जीएसटी पर दस लाख की सीमा में छूट कर 20 लाख करने को लेकर प्रयास करेंगे तो फिर ये छूट की मांग पहले क्यों नही की गई?
5000 टूरिस्ट गाइड रखने का भी हवाला था योजना ही कांग्रेस शुरू नही कर पाई। कर्मचारियों के लिए नियमित करने का चुनावी वायदा किया गया पांच साल तक क्यों नही कोई नीति बनाई? सरकार ने 28 गुना ज्यादा कर्जा लिया उसका विकास कहीं दिख नहीं रहा है, फिर वो पैसा कहां गया?
गहलोत ने कहा कि रोजगार कार्यालय में 8 लाख बेरोजगार पंजीकृत है लेकिन, 2016 में मात्र 3300 बेरोजगारों को रोजगार मिला है। बेरोजगारी भत्ते के नाम पर युवाओं से ठगी की गई। कर्मचारियों को 4-9-14 का लाभ देने की बात कही है लेकिन, कांग्रेस पांच साल तक क्या करती रही। किसानों बागवानों और महिलाओं के साथ किए गए पुराने वायदे ही पूरे नहीं किए तो नए वायदे जनता को छलने के लिए किए गए हैं।