बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि आज कोरोना के कहर से पूरा देश दहल रहा है। दुर्भाग्य की बात है कि इस बार कोरोना बढ़ने की सबसे अधिक जिम्मेदारी सरकार और नेताओं की है। हालांकि जनता भी लापरवाही के लिए एक सीमा तक जिम्मेदार है। पिछले 15 दिनों में बंगाल में कोरोना के रोगी पांच गुणा बढ़ गए थे। चुनाव के सभी प्रदेशों में यह कहर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि 'आपातकाले मर्यादा नासति' इसका सीधा सा अर्थ है कि जब जिंदगी ही दांव पर लगी हो तो सभी नियम मर्यादाएं तोड़ी जा सकती हैं। आज की परिस्थिति में कुंभ करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं थी। हजारों लोग इकट्ठे नहा रहे हैं जिससे ये बीमारी और बढ़ेगी। मंदिरों में भी भीड़ इक्टठी होती रही और बीमारी बढ़ती रही। भगवान तो हर जगह होते हैं हमारे घर में भी हैं। यदि सब प्रकार के धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रम बंद कर दिए गए होते तो इस बिमारी से बहुत राहत मिलती।
शांता ने कहा कि एक सीमा तक आर्थिक गतिविधियां जारी रहनी चाहिए। इसके अतिरिक्त आज की परिस्थिति में सब प्रकार के धार्मिक, सामाजिक और जानीतिक कार्यक्रम नहीं होने चाहिए। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि सभी नेताओं के दौरे बंद किए जाएं। मंत्री और नेता कार्यालय में बैठकर शायद अधिक काम कर सकते हैं। आवश्यकता होने पर वर्चुअल कार्यक्रम भी हो सकते हैं। यह बीमारी रुकने वाली नहीं है। सावधानी के नियमों का जनता द्वारा पालन करवाने के लिए सरकार को सख्ती शुरू करनी चाहिए। जुर्माना राशि बढ़ानी चाहिए। क्योंकि यहां आज जीवन दांव पर लगा है। इसलिए हर आवश्यक कदम तुरंत उठाए जाने चाहिए।