कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला। सुक्खू ने कहा कि कोरोना काल में भी जयराम सरकार राजनीति करने से बाज नहीं आ रही। जनता पर आए दिन नई नई पाबंदियां लगाई जा रही हैं, जबकि राजनीति समारोहों और अन्य कार्यक्रमों से बंदिशों को हटा लिया गया है। यह आम जनता के साथ अन्याय है। सरकार में शामिल लोगों और आम जनता के लिए नियम-कायदे एक समान होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब शादी समारोह में पचास लोगों की उपस्थिति की ही अनुमति है, तो फिर मंत्रीमंडल में राजनीति समरोहों को कैसे हरी झंडी दे दी। उन्होंने सरकार ने पूछा कि क्या राजनीतिक समरोहों से कोरोना नहीं फैलेगा। अगर राजनीतिक जलसों में भारी भीड़ जुटाई जा सकती है तो फिर शादी समारोहों में पचास लोगों की बंदिश भी हटा देनी चाहिए।
पंचायत चुनाव रोस्टर पर भी उठाए सवाल
सुक्खू ने पंचायती राज चुनाव रोस्टर पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनावों का रोस्टर पिक एंड चूज के तहत बनाया जा रहा है। जहां बीजेपी हारने की स्थिति में थी, वहां सीटों को आरक्षित करा दिया गया है। आरक्षण में कम से कम पांच प्रतिशत आबादी होने के नियम का भी पालना नहीं हुआ। सरकार ने कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए जिला परिषद, ब्लाक समिति व पंचायत प्रधान की सीटें चेहतों को लाभ पहुंचाने के लिए आरक्षित की है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को कोरोना की परवाह कम और राजनीतिक रोटियां सेंकने की ज्यादा फिक्र है। उन्होंने चुनाव आयोग से पंचायती राज चुनावों के रोस्टर पर संज्ञान लेने की मांग की है। सुक्खू ने कहा कि सरकार तीन साल के कार्यकाल में जनहितैषी कार्य करने में पूरी तरह विफल रही। कोरोना पर काबू पाने के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए। यही कारण है कि प्रदेश में कोरोना के नए मामले और मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार को पंचायत में अपनी हार साफ नजर आ रही है। इसलिए रोस्टर में राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने दावा किया कि सरकार के तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद कांग्रेस पंचायती राज चुनावों में बेहतरहीन प्रदर्शन करेगी।