हिमाचल सरकार 27 दिसंबर अपने कार्यकाल के 4 वर्ष पूरे करने जा रही है और पीएम का ये चौथा दौरा है। पीएम हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते हैं। कांग्रेस उनकी भावनाओं की कद्र करती है लेकिन प्रधानमंत्री बताएं 4 साल में हिमाचल को क्या दिया। मुख्यमंत्री संकल्प पत्र के वायदों को डेटा के साथ बताएं कि उनमें कितने वायदे पूरे किए। जनता को ये जानने का हक़ है कि सत्ता पक्ष को ये जानकारी जनता को देनी चाहिए। 60 हज़ार करोड़ के NH की घोषणा पीएम ने हिमाचल के लिए की। लेकिन चार साल बाद NH कहां है। मुख्यमंत्री जनता को बताएं कि उसमें से कितने NH बने उनके लिए कितना पैसा आया। पीएम अब जो योजनाएं वर्षों से चली हुई हैं उनके उदघाटन और शिलान्यास करने आ रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी मुख्य प्रवक्ता नरेश चौहान ने पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री से इन सवालों के जवाब मांगे हैं। उन्होंने आगे पूछा कि इन्वेस्टर मीट में सरकार ने 700 mou के माध्यम से 96 हज़ार करोड़ की इन्वेस्टमेंट का दावा किया। सरकार बताए की इसमें से कितनी इन्वेस्टमेंट आई प्रदेश के कितने लोगों को रोज़गार मिला? सरकार की सारी बातें खोखली हैं। सरकार चार साल में पूरी तरह असफ़ल रही है। उपचुनावों में मिली हार से साफ हो गया है कि सरकार विश्वासमत खो चुकी है। सरकार अब बदलाव चाह रही है। क्योंकि सरकार हर मोर्चे पर असफल रही प्रदेश विकास में पिछड़ गया। कोरोना तक से निबटने के लिए सरकार नाकाम रही।
महंगाई आसमान छू रही है। बेरोजगारी चरम पर है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें लोगों की पहुंच से बाहर जा चुकी हैं। अफ़सरशाही मुख्यमंत्री के हाथों से बाहर है। जयराम सरकार निक्कमी सरकार है। अब मुख्यमंत्री पीएम के मंडी दौरे के दौरान 27 हज़ार करोड़ की दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी की बात कह रहे हैं। पहले मुख्यमंत्री इन्वेस्टर मीट का हिसाब तो दें। ये चुनावी वर्ष है इसलिए पीएम सहित सीएम घोषणाओं के अलावा कुछ करने वाले नहीं है। अब सरकार बचे हुए समय को काटने का काम कर रही है। हिमाचल की जनता बदलाव का मन बना चुकी है।
हिमाचल से कांग्रेस के एक गुट द्वारा आलकमान से मुलाकात की खबरों पर नरेश चौहान ने कहा कि उनको इसकी जानकारी नहीं है। उन्हें भी इसकी जानकारी अखबारों मिली है।