बेरोजगारी भत्ता बंद करने की ख़बरों पर पूर्व कैबिनेट मंत्री जीएस बाली ने कड़ा रुख़ इख़्तियार किया है। बाली ने दो टुक कहा है कि वे विधानसभा से बाहर हैं, लेकिन दूसरे लोकतांत्रिक मोर्चे से इस मसले को खारिज नहीं होने देंगे।
जीएस बाली ने अपने फेसबुक पेज के जरिए लिखा कि मैंने युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता दिलाने के लिए अपनी सरकार से तक से लड़ा और भत्ता सुनिश्चित कराया। लेकिन, अगर वर्तमान सरकार इसे बंद करने के पक्ष में है तो वे दूसरे माध्यमों से युवाओं की यह लड़ाई जारी रखेंगे। जीएस बाली ने इसके लिए मुख्यमंत्री को उनके पुराने दिनों का भी हवाला दिया और कहा कि मुख्यमंत्री खुद एक साधारण परिवार से आते हैं और वे युवाओं की आर्थिक जरूरतों को सबसे बेहतर समझ सकते हैं।
जीएस बाली ने अपने फेसबुक पेज पर जो लिखा, वह अक्षरश: नीचे है,
"मीडिया में छपी ख़बरों के अनुसार मुझे ज्ञात हुआ कि वर्तमान सरकार बेरोजगार युवाओं को मिलने वाले भत्ते को बंद करने के पक्ष में है। चूंकि मैं अब विधानसाभा में नही हूं, इसलिए इस मुद्दे को उस प्लेटफार्म से नहीं उठा सकता।
फिर भी जिस चीज के लिए पिछले 20 वर्षों से मैंने लड़ाई लड़ी और अपनी सरकार में भी अलग रुख अपनाकर बेरोजगारी भत्ते को सुनियश्चित करवाया। उसी स्टैंड पर कायम रहते हुए मैं कहना चाहूंगा कि अच्छी बात है प्रदेश सरकार युवायों को ज्यादा जॉब प्रदान करने की बात कह रही है। इसके लिए उन्हें शुभकामनाएँ वो अच्छा करे, परंतु जब तक किसी बेरोजगार की जॉब नही लगती तब तक उसे भत्ता मिलना चाहिए। ताकि, वो जॉब के फॉर्म, तैयारी से सबंधित पढ़ाई की किताबें, इंटरनेट, मैगजीन आदि खरीद सकें। मुख्यमंत्री खुद एक साधारण परिवार से आते हैं। मैं समझता हूं वो इस स्टेज में मिलने वाली इस तरह की आर्थिक मदद की अहमियत समझते होंगे और अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगें।"