पूर्व मंत्री जीएस बाली ने किसान सम्मान निधी को लेकर की जा रही रिकवरी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। पूर्व मंत्री केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने इलेक्शन के चक्कर में बिना किसी गाइलडलाइन के बहुत से लोगों के खातों में पैसे डाले। जिसका असर कहीं न कहीं चुनावों पर भी पड़ा। लोगों को लगा की यह धन हमें लगातार आता रहेगा। जिस कारण बीजेपी वोटों को कन्वर्ट करने में कामयाब हुई। जो सरकार का एक गैर जिम्मेदाराना फैसला था। किसी का कोई अधिकार नहीं की किसी के भी खाते में पैसा डाले जाए। लेकिन अब सरकार ने गाइडलाइन जारी करके उस पैसे की रिकवरी भी शुरू कर दी है। जो सरकार कि सच्चाई को सामने लाती है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार ने जिस जल्दबाजी में इसे लागू किया उसमें मंशा राजनीतिक लाभ लेने की रही होगी। आज किसानों कों सड़कों पर बैठे 3 सप्ताह हो गए सरकार उनकी मांगों को अच्छी तरह सुनने के बजाए उन्हें बांटने का प्रयास कर रही है। किसान की कोई जाति नहीं है वे सिर्फ किसान हैं। आज पूरे देश का किसान अपने प्रोडक्ट का दाम मांग रहा है लेकिन सरकार देने को तैयार नहीं है। बाली ने कहा कि आज देश मे पॉलसी बना दी जाती है और लोगों पर थोप दी जाती है। अब समय आ गया है कि किसानों के साथ बैठ कर चर्चा की जाए नहीं तो वह दिन दूर नहीं की उनके साथ हम भी खड़े होंगे।
वहीं, पूर्व मंत्री जीएस बाली ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर खूब निशाना साधा है। बाली ने कहा कि सरकार मनमर्जी के फैसले ले रही है। मंत्रिमंडल में हुए निर्णय को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यक्रमों में 50 लोगों को अनुमति मिल गई है लेकिन लोगों को क्रिसमस और न्यू इयर सेलिब्रेशन पर पाबंदी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में भी सरकार के इंतजाम नाकाफी रहे जिससे कई मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा। हिमाचल में कोरोना से डेथ रेट में देश भर में अव्वल है फिर भी कोई कदम नहीं उठाए जा रहे है।
पंचायत चुनाव रोस्टर पर भी पूर्व मंत्री ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे छेडख़ानी की गई है जो मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया तो कांग्रेस पार्टी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मजूबर होगी।