नगर निगम चुनाव प्रचार के दौरान अपनी ही सरकार व पार्टी के निशाने पर रहे भाजपा के विधायक अनिल शर्मा ने भी पलटवार किया है। मुख्यमंत्री और जलशक्ति मंत्री पर निशाना साधते हुए अनिल शर्मा ने कहा कि मंडी का विकास करवाया होता तो आज नगर निगम के चुनाव में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह को वोट केलिए मंडी की गलियों में भटकना नहीं पड़ता।
यहां पत्रकारों से बात करते हुए अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शालीन व्यक्ति रहे हैं, मगर महेंद्र सिंह के सानिध्य में अब वे भी झूठ बोलने लगे हैं। अनिल शर्मा ने कहा कि महेंद्र सिंह ने साईगलू में हामी भरी थी कि सदर का विकास वे और सांसद रामस्वरूप शर्मा देखेंगे । लेकिन उसके बाद कुछ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि आप पर विश्वास कौन करेगा।
अनिल शर्मा ने कहा कि सदर की जनता अब ठगा हुआ महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि सदर की जनता मेरा परिवार है, सदर के लोगों के हितों के लिए अब चुप नहीं रहूंगा। उन्होंने कहा कि कोटली में डेढ करोड़ के स्कूल भवन केलिए मात्र तीन लाख रूपए के बजट का प्रावधान किया गया है। अनिल शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन का पैंतालिस प्रतिशत बजट केवल मात्र दो ही विधानसभा क्षेत्रों में में चला गया। उन्होंने कहा कि एक विस क्षेत्र में 270 करोड़ तथा दूसरे में 170 करोड़ रूपए का बजट खर्च हो रहा है। जबकि मंडी जिला के शेष आठ विधानसभा क्षेत्रों के साथ विकास के मामले में भी भेदभाव किया जा रहा है। अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री मंडी केलिए विजन की बात करते हैं। मगर वह विजन धरातल पर भी उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि बतौर विधायक उन्होंने कई योजनाएं दी हैं, मगर किसी पर भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
उन्होंने कहा कि आज से पचास पचपन साल पूर्व पं. सुखराम ने राजनीति शुरू की थी। उस समय मंडी शहर जैसा आज है वैसा नहीं था। यहां पर सिर पर मैला ढोने की प्रथा थी। पं. सुखराम ने हिमाचल की पहली सीवरेज स्कीम मंडी केलिए दी। मंडी की इंदिरा मार्किट पं. सुखराम का विजन था। उसी प्रकार जब पं. सुखराम संचार मंत्री थे तो उन्होंने धर्मपुर और सराज में संचार सुविधा मुहैया करवाई थी। अनिल शर्मा ने कहा कि शांता कुमार को लोग पानी वाले मुख्यमंत्री के रूप में याद करते हैं तो प्रेम कुमार धूमल को सडक़ों वाले मुख्यमंत्री के रूप में याद करते हैं। मगर जयराम ठाकुर सराज के मुख्यमंत्री बनकर रह गए हैं।
अनिल शर्मा ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल नगर निगम चुनाव के दौरान ब्यास नदी में कृत्रिम झील बनाने की बात कर रहे हैं। जबकि मंडी में ब्यास नदी में कृत्रिम झील बनाना संभव नहीं है। उसी प्रकार पंडोह और लारजी डैम में भी जल क्रीड़ाएं करवाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मंडी शहर केलिए 83 करोड़ की पेयजल योजना पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान विधायक रहते हुए न केवल मंजूर करवाई बल्कि पैसा भी नगर परिषद के खाते में जमा करवा दिया था। अनिल शर्मा ने कहा कि यू ब्लॉक में पार्किंग बनवाने का सुझाव भी मुख्यमंत्री को मैंने ही दिया था। मगर अब वहां पर मल्टीपलैक्स और शॅपिंगमॉल बनवाने की योजना है। जिससे शहर में और अधिक गाडिय़ां आने से यातायात की समस्या आड़े आएगी। जबकि एनजीटी की वजह से सकोहडी और सुकेती पुल के पास की पार्किंग नहीं बन पाई है।
हाशिए पर धकेला गया हूं:
अनिल शर्मा ने कहा कि उन्हें हाशिए पर धकेला गया है। मुझे और मेरे परिवार को निशाना बनाया गया। पार्टी के मंच पर उन्हें बैठने केलिए जगह नहीं दी जाती है और मंडी शिवरात्रि मेले केलिए स्थानीय विधायक होने के नाते उन्हें निमंत्रण पत्र नहीं भेजा जाता है और न ही किसी अधिकारी ने उन्हें फोन कर बुलाया है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने गलती की है तो उसकी सजा लोगों ने उसे दे दी है। इस बारे मैंने कई बार स्पष्टीकरण भी दिया है। जबकि हार केलिए जनता को दोषी नहीं ठहराता।
उन्होंने कहा कि एक नौजवान की महत्वकांक्षा थी, पिता होने के नाते मैं उसे मौका देना चाहता था बाद में वह यह न कहे कि मैंने उसे अवसर नहीं दिया। अनिल शर्मा ने कहा कि मैं रात के अंधेरे में नहीं दिन के उजाले में आकर बात कर रहा हूं, मैं किसी का बंधुआ मजदूर नहीं हूं। सच्चाई की राजनीति करता हूं इसलिए किसी से डरने की आवश्यक्ता नहीं है।