हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। पहला ही सवाल नादौन के कांग्रेसी विधायक सुखविंदर सिंह सुख्खू ने जल शक्ति मंत्री से फॉरेन फंडिंग को लेकर पूछा कि इसके तहत कितनी परियोजनाओं को चलाया जा रहा है। सरकार नई परियोजनाएं लाने के लिए क्या पग उठा रही है।
इसके जवाब में महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि वर्तमान में फॉरेन फंडिंग से दो योजनाएं चल रही है। पहली एशियन विकास बैंक मिशन की उपोष्ण कटिबंधीय बागवानी सिंचाई एवं मूल्य वर्धन परियोजना 1 हजार 688 करोड़ और सिंचाई परियोजना 4 हजार 751 करोड़ की है। जबकि दूसरी योजना पीआरएफ के अंतर्गत चार फलों अमरूद, लीची, निम्बू और अनार की 17 योजनाओं के पायलट परीक्षण के लिए 70 करोड़ आया है।
वहीं, एचपी शिवा परियोजना का का प्रथम चरण लागू किया जाएगा। जिसमें एडीबी ने 100 मिलियन डॉलर का प्रावधान किया गया है। इससे परियोजना से 25 हज़ार किसान लाभान्वित हुए। जलशक्ति मंत्री ने इतना लंबा उत्तर दिया कि विपक्ष को स्वयं कहना पड़ा कि मंत्री जी आपके जवाब से संतुष्ट है। इस बीच नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि बागवानी में जो 9 क्लस्टर बनाने थे वह अभी तक क्यों नहीं बने। जबकि नूरपुर डिवीज़न के लिए निम्बू आम और लीची के लिए कुछ भी नहीं किया।
जवाब में जलशक्ति मंत्री ने बताया कि ये प्रोजेक्ट 2016 में ही आया लेकिन कांग्रेस सरकार ने सिर्फ 22 करोड़ 57 लाख ही ख़र्च किया। भाजपा सरकार ने दो साल में सवा सौ करोड़ खर्च किया अब शिवा और विश्व बैंक पोषित बैंक की योजनाओं के तहत समूचे प्रदेश को जोड़ा जाएगा।