हिमाचल प्रदेश में फोरलेन सड़कों को बनाने के लिए पिछले लंबे समय से प्रक्रिया चल रही है और परिवहन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसके लिए बकायदा घोषणाएं भी की थी और साथ ही बजट का प्रावधान भी करने को कहा लेकिन अब जो नहीं। सूचना सूत्रों के माध्यम से आ रही है उसके अनुसार धर्मशाला से शिमला फोरलेन बनाने का प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में सरकार डालने जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने इस बात को लेकर केंद्र से सिफारिश की है जिसमें कहीं ना कहीं जमीन अधिग्रहण की कीमतें बहुत अधिक होने को इसका कारण भी बताया गया है।
केंद्रीय राज्यमंत्री और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग ठाकुर का कहना है कि इस जमीन की कीमत अधिक होने के कारण सरकार इस फैसले को ले सकती है और जो मौजूदा टू लेन रोड धर्मशाला से शिमला का है उसी की स्थिति को और अधिक बेहतर करने का प्रयास सरकार करेगी। वहीं, जब उनसे पूछा गया कि प्रदेश की सरकार की तरफ से यह सिफारिश की गई है तो यह कहीं ना कहीं हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र और कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के साथ है। कहीं भेदभाव की नीति पर तो सरकार काम नहीं कर रही है?
हालांकि इस प्रश्न पर अनुराग ठाकुर ने स्पष्ट रूप से कोई जवाब नहीं दिया और वह इस प्रश्न को ही टाल गए। उन्होंने कहा कि जब मैं हिमाचल दौरे पर आऊंगा तब इस विषय पर बात करेंगे। जिससे स्पष्ट होता है कि कहीं ना कहीं प्रदेश सरकार की ही नियत पहले तो हमें हिमाचल में हमीरपुर से ऊना को बनने वाली रेलवे लाइन को लेकर भी साफ नहीं थी और अब प्रदेश के इस सबसे महत्वपूर्ण फोरलेन को बनाने में भी कहीं ना कहीं इनकी नियत में खोट नजर आता जा रहा है।
वहीं, पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने भी इस बाबत मीडिया से बात की है। उन्होंने बताया कि अब कांगड़ा की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। यही कारण है कि फोरलेन के प्रोजेक्ट को सरकार ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी में है। इसके लिए बकायदा एक-दो दिन में केंद्र सरकार से सूचना भी जारी हो सकती है।