हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र में आज भी प्रश्नकाल की कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुई। पहला ही सवाल नई पेंशन योजना को लेकर ठियोग के विधायक राकेश सिंघा व विपक्ष नेता मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री से पूछा कि केन्द्र सरकार द्वारा एनपीएस के नियमों में बदलाव किया है। यदि ह्नां तो प्रदेश सरकार भी इसको लागू करने का विचार रखती है। यदि नही तो कारण क्या है। क्या प्रदेश सरकार राज्य के कर्मियों को 2003 से पहले की पद्दति के आधार पर पेंशन देने का विचार रखती है।
जबाब में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि पेंशन को लेकर समय समय पर बदलाब होते रहते हैं। भारत सरकार के नियम हिमाचल सरकार पर लागू नही होते। फ़िर भी सरकार ने अपने संसाधनों की उपलब्धता को देखते हुए नियम लागू करती है। हिमाचल में जिन कर्मियों ने 15-5-2003 के बाद नोकरी में प्रवेश किया वह अंशदायी पेंशन योजना के तहत पेंशन प्राप्त कर सकते है। हिमाचल में पंजाब के नियम लागू नही होते है। हिमाचल प्रदेश में लगभग 1,36,931 पेंशनर है सरकार प्रति 6660 रुपये इस पर ख़र्च कर रही है।
मुख्यमंत्री के जबाब से असंतुष्ट राकेश सिंघा ने कहा कि एनपीएस के रूल है उनमें कई खामियां है। प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार के आदेशों का पालन करें। डेथ और विकलांगो जैसे प्रभावितों को 10 लाख ग्रैजुएटी देने पर विचार करेगी। सरकार संवेदना को ध्यान रखते हुए साधनों को आड़े न लाए। सरकार एक निशान, एक प्रधान व एक विधान के नारे को एनपीएस में भी लागू करे।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 2003 में जब एनपीएस लागू हुए उस वक़्त कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी। अब केरल को छोड़कर पूरे देश में एनपीएस लागू है। अन्य लाभों के लिए अभी कोई नियम नही बने हैं। ग्रेजुएटी की बात है तो 2018 में दी जाएगी। केन्द्र सरकार यदि इसमें कुछ करती है तो प्रदेश सरकार विचार करेगी।
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने पूछा कि 2004 में अटल बिहारी सरकार ने एनपीएस लागू की थी। भाजपा संसाधनों की बात न कर पुरानी पेंशन स्कीम योजना शुरू करें क्योंकि अब तो डबल इंजन की सरकार है।
इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि एनपीएस कर्मियों को सरकारी अंशदान बढ़ाकर 10 से 14 फीसदी कर दी है। जिसका लाभ 80 हज़ार कर्मियों को मिल रहा है। हिमाचल को टैक्स के माध्यम से 10 हज़ार करोड़ आता है जबकि कर्मियों के वेतन व पेंशन पर खर्चा 19 हज़ार करोड़ का है। ऐसे में सरकार की मजबूरी है एनपीएस लागू रखना।
विधानसभा की कार्यवाही को उड़ीसा विधानसभा के अध्यक्ष सहित अन्य प्रतिनिधियों ने भी देखा। जिनका विधानसभा अध्यक्ष डॉ. बिंदल और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भी स्वागत किया। मंडी के सांसद राम स्वरूप ने भी आज सदन की कार्यवाही देखी।