कृषि मन्त्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने कहा है कि केन्द्र सरकार का बजट से प्रधान मन्त्री का वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निश्चित रूप से पूरा होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 90 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और 62 प्रतिशत सीधे तौर पर कृषि से जुडे हैं। इस बजट में किसानों और बागवानों को महत्व दिया गया है और किसानों के लिए 16 सूत्रीय कार्यक्रम बनाया गया है जिससे किसानों को निश्चित रूप से लाभ होगा।
डॉ. मारकंडा ने कहा कि किसानों को आय बढ़ाने और डीजल व कैरोसीन की निर्भरता कम करने के लिए इस वर्ष प्रधान मंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत 20 लाख किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में पहले ही सौर सिंचाई योजना के अन्र्तगत किसानों को सौर पम्प दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट में सरकार ने पारम्परिक जैविक तथा अन्य उर्वरकों के संतुलित प्रयोग को बढ़ावा देने की ओर कदम उठाया है। प्रदेश सरकार पहले से प्राकतिक खेती को बढावा दे रही है जिसके लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना शुरू की गई है। आगामी वित्तीय वर्ष में दो लाख किसानों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री ने कहा कि दूध, मांस व अन्य खराब होने वाली वस्तुओं की समय पर आपूर्ति के लिए किसान रेल चलाने का भी प्रावधान किया गया है, जो सराहनीय कदम है। असिंचित क्षेत्रों में एकीकृत कृषि प्रणाली का विस्तार भी किया जाएगा जिसमें सौर पंप व प्राकृतिक खेती को भी शामिल किया जाएगा। इससे प्रदेश के किसानों को भी लाभ मिलेगा। डा. मारकंडा ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष में लगभग 1.60 लाख करोड रूपये कृषि सिंचाई और संबन्धित गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे जो निश्चिित रूप से देश अन्य राज्यों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के किसानो के लिए भी हितकारी होगा।