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नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा- सीमेंट रेट कंट्रोल करने में फेल हुई जयराम सरकार

रविंदर, ऊना |

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने हिमाचल में लगातार बढ़ रहे सीमेंट के दाम पर जयराम सरकार को निशाने पर लिया है। रविवार को जारी बयान में मुकेश ने कहा कि सीमेंट के दाम करीब 50 रुपये प्रति बोरी हिमाचल में बढ़ चुके है और प्रदेश के मुख्यमंत्री और उद्योगमंत्री विदेशी दौरों में मस्त रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की कमजोरी के चलते सीमेंट के दामों में बेहताशा वृद्धि की गई है। मुकेश ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में सीमेंट कंपनियां से सीमेंट के रेट कम करवाए गए थे।

एकमुश्त रेट नीचे आए थे और उसके बाद रेट बढऩे नहीं दिए गए थे, लेकिन अब सीमेंट में रेट में जो उछाल आया है, वह जनता की जेब पर बोझ है। प्रदेश में स्थापित सीमेंट उद्योगों को हिमाचल के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने सीमेंट कंपनियों को सीमांत जिलों में एक सामान रेट के लिए मनाया था, लेकिन अब जिस प्रकार से सभी कंपनियों ने रेट बढ़ाया है, उससे साफ है कि ये प्रदेश सरकार की बड़ी असफलता है।

मुकेश ने कहा कि उपभोक्ता पर गैर बाजिब बोझ है, इसे कम किया जाना चाहिए। कांग्रेस इस जनहित के मामले को जनता की अदालत व विधानसभा में प्रमुखता से उठाएगी। नेता विपक्ष मुकेश ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश में डेढ़ वर्ष बाद भी मुख्यमंत्री की पकड़ में गाड़ी का स्टेरिंग नहीं आ रहा है, इसलिए मनमानी के फैसले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भी राजनीतिक आधार पर तबादले किए जा रहे है। आए दिन अधिकारियों को बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्दी लैपटॉप मिल नहीं पाए हैं।

सस्ता राशन दूर की कोड़ी बन गया है। अनेक जगह पर तो चोरी की शिकायतें आ गई है। अब हालत ये हो गई है कि उचित मूल्य के दुकानदार और सहकारी सभाएं उपभोक्ताओं से मुंह छिपा रही हैं, क्योंकि सरकार की कमी के चलते सस्ता राशन और मिट्टी का तेल समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को बीपीएल मुक्त बनाने के चक्कर में सरकार ने विवाद व लड़ाई झगड़े का नया दौर प्रदेश में शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्ति की सुविधाओं को छीनने का सरकार को कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि जो लोग आज भी अति पिछड़े है, उनको बीपीएल और अंतोदय जैसी सुविधाओं में शामिल किया जाना चाहिए। अनेक ऐसे मामले हैं, जिनमें अभी भी गरीब व्यक्ति की मदद की जरूरत है, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार जानबुझ कर लोगों को धक्काशाही और तानाशाही से बीपीएल से बाहर करने की सोच रही है, जिसके चलते अनेक तनाव व विवाद खड़े हो रहे है, जो प्रदेश हित में नहीं है। कांग्रेस इसका विरोध करती है।