पिछली सरकार की तरह जयराम सरकार भी रिटायर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों पर मेहरबान हुई है। मीडिया खबरों के मुताबिक सरकार ने एक पूर्व मुख्य सचिव के पीए समेत 3 रिटायर्ड कर्मचारियों को पुनर्नियुक्ति प्रदान कर दी है। जयराम सरकार के यू-टर्न लेने के इस फैसले से प्रदेश सरकार की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है।
बता दें जयराम के सत्ता में आने के बाद सीएम ने कहा था कि वो नए हैं और नए अंदाज में काम करेंगे। सीएम ने ऐलान किया था कि रिटायर्ड कर्मचारियों को पुनर्नियुक्ति प्रदान नहीं की जाएगी। लेकिन सरकार पिछली सरकार के नक्शे कदमों पर चलती दिखाई दे रही है।
रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार
जानकारी के मुताबिक, सरकार के इस फैसले ने पूर्व मुख्य सचिव के निजी सचिव रहे उमेद राम, ट्रेजरी में कार्यरत गोपाल चंद और 14वें वित्त आयोग में ओएसडी रहे रिटायर्ड HAS अधिकारी अभय पंत को पुनर्नियुक्ति देते हुए 15वें वित्त आयोग में फिर से OSD लगा दिया है। इन कर्मचारियों के अलावा कैबिनेट ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार के स्टाफ को भी रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार प्रदान किया है।
पब्लिक नहीं किए इनके नाम
सरकार ने ये फैसले पिछली सरकार की तरह कैबिनेट में ही लिए पर इनके नाम पब्लिक नहीं किए। जाहिर है पिछली सरकार की तर्ज पर बीजेपी भी कैबिनेटों के दौरान होने वाले गोपनीय एजेंडे और निर्णयों की पर चलने लगी है।