सदन में गुरूवार को गैर सरकारी सदस्य दिवस में प्रस्तुत संकल्प पर बोलते हुए आशीष बुटेल ने भी आने क्षेत्र से सम्बंधित विषय पर कहा कि इस प्रावधान के चलते प्रदेश के किसी भी तरह का निर्माण कार्य बाधित गई। FRA और FCA के चलते प्रदेश में निर्माण कार्य, विकास कार्य बिल्कुल बंद है। इस पर सरकार और सदन किसी तरह का रास्ता निकालें। इस मामले को लेकर कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने कहा की इन नियमों की आड़ में प्रदेश की जनता को परेशान किया जा रहा है।
इसी विषय ओर बोलते हुए ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार को इन मामलों को तेजी से आगे बढ़ने के किये किसी लाइजनिंग अधिकारी की नियुक्ति करें । ऐसे मामलों में अनुमति के लिए समय सीमा भी तय की जाए।
माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार केवल प्रशानिक अधिकारियों के प्रभाव में काम कर रही है नो सरकार को सही जानकारी नही दे रहा। सिंघा ने कहा कि सरकार अपने अधिकारियों को सही तरह से काम में लगाए वरना प्रदेश में अधिकांश काम पूरी तरह से बंद हो जाएंगे ।
चर्चा में कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार किसी तरह से इस समस्या से बाहर निकलने का कोई रास्ता खोजा जाए ।
चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। लेकिन कोर्ट ने कुछ मामलों में निर्माण कार्यों को अनुमति भी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक कमेटी का गठन किया हुआ है। हकांकि कोर्ट ने सिल्वी कल्चरल के लिए कुछ स्थानों में पेड़ कटान के लिए अनुमति दी है लेकिन ये न के बराबर है।
सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि इन मामलों को संजीदगी के साथ सुप्रीम कोर्ट में लड़ रही है और सरकार इसमें तेज़ी के लिए प्रयासरत है और सरकार सुप्रीम कोर्ट में देश के सोलिसीटर जनरल के माध्यम से मामले को लड़ रही है।
सरकार सभी सदस्यों की चिंता से वकिफ है और सरकार प्रदेश हित में चाहती है कि जल्द इस समस्या से छुटकारा मिल सके।