शिक्षा की आड़ में राजधानी शिमला समेत हिमाचल में डेढ़ दर्जन निजी यूनिवर्सिटी खुल तो गई है। लेकिन आये दिन ये यूनिवर्सिटीज़ में नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। इसी कड़ी में एपी गोयल यूनिवर्सिटी के ड्राइवर-कंडक्टर प्रधान राजेश कुमार ने यूनिवर्सिटी पर कई तरह की अनियमितताओं के आरोप जड़े हैं। उन्होंने कहा कि सभी गाड़ियों की फिटनेस 2016 की ख़त्म हो चुकी है और छोटी गाड़ियों की हालत भी ख़स्ता हो चुकी है।
यूनिवर्सिटी में क़रीब 20 चालक और 14 परिचालक हैं जिन्हें कभी टाइम पर वेतन नहीं मिलता है। यूनिवर्सिटी में श्रम कानूनों का उल्लंघन हो रहा है। इस बारे में शिकायत भी की गई लेकिन पुलिस विभाग भी यूनिवर्सिटी के साथ मिला हुआ है। पुलिसवाले यूनिवर्सिटी के ख़ाते से पेट्रोल भराते हैं जिसकी वज़ह से पुलिस भी यूनिवर्सिटी की गाड़ियों को चेक नहीं करती। अग़र कोई हादसा हो गया तो उसपर ड्राइवर-कंडक्टर को दोषी बताया जाता है लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन और पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
प्रधान राजेश पुलिस की गाड़ियों के नंबर भी बताए जिनमें एक HP 64A 4689 और दूसरी HP 52A 7443 हैं। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यूनिवर्सिटी ने 2016 में 19 ड्राइवर-कंडक्टर निकाल दिये थे, जिनमें से 7 वापस आ गए हैं और बाकी सड़कों पर हैं। उनका मामला कोर्ट में चल रहा है और इस पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन कहता है कि वे कंगाली के दौर से गुजर रहा है।