विधानसभा चुनावों में हार के बाद बीजेपी नेत्री इंदू गोस्वामी को भाजपा ने बड़े ओहदे के लिए चुना है। भाजपा के सियासी प्लान एक ओर तो अंदरखाते चल रही गुटबाज़ी को शांत करवाते नज़र आते हैं तो वहीं महिलाओं को तरजीह और महिला नेता के बदले महिला नेता के पैंतरे को भी दर्शाते हैं।
राजनीतिक ज्ञानियों को माने तो इंदू गोस्वामी का राज्यसभा में जाना कांगड़ा की राजनीति में बड़ा क़दम है। कयास है कि इंदू गोस्वामी को राज्यसभा भेजकर मुख्यमंत्री ने एक तीर से कई श़िकार किए है। 2017 से चल रही अंदरुनी लड़ाई को एक तरह शांत कर दिया गया है। दरअसल, विधानसभा चुनावों में 2017 में पालमपुर से टिकट अचानक ही इंदू को मिल गया तो शांता कुमार सहित सभी कांगड़ा के नेताओं के पांव से जैसे जमीनी सरक गई। उसके बाद चुनाव शुरू हुआ तो शांता कुमार के प्रबल समर्थक प्रवीण कुमार आजाद उम्मीदवार के रूप में मैदान में आ गए और नतीजा ये हुआ कि इंदू गोस्वामी विधानसभा का चुनाव हार गईं।
अपनी ईमानदार और बोल्ड छवि के कारण कोई भी नेता शांता के आगे हार पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था। लेकिन अंदरख़ाने राजनीतिक रूप से जितना नुकसान पालमपुर में पार्टी के नेताओं ने किया वे किसी से छिपा नहीं रहा। वरिष्ठ नेता के लाखों के प्रयास के बाद भी उनके टिकट के सपने पूरे नहीं हो पाए। चुनावी हार के बाद अंदरखाने चल रही लड़ाई खुल कर बाहर आने लगी और वरिष्ठ नेता के आगे इंदू गोस्वामी ने ख़ुद को प्रताड़ित पाया।
इसी के चलते उन्होंने महिला मोर्चा के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया जिसे सार्वजनिक तरीक़े से पार्टी नेताओं ने एसेप्ट भी कर लिया। महिलाओं को तरजीह देने और अन्य सवाल प्रदेश सरकार औऱ बीजेपी के समझ उठने लगे और एक घड़ा पूरी तरह इंदू गोस्वामी को बाहर करने से नाराज़ था। ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का पालमपुर में इन्वोल्वमेंट बढ़ने लगा और गतिविधियों में सुधार होता गया। ऐसे में वरिष्ठ नेताओं की रज़ामंदी से उन्हें राज्यसभा भेजने का फ़ैसला लिया गया।
राज्यसभा में जाने से एक ओर जहां प्रदेश में उनका बोलबाला कम रहेगा वहीं अंदरुनी राजनीति से एक घड़ा पूरी तरह शांत रहेगा। वहीं, इंदू का कांगड़ा से जाना कहीं न कहीं बहुत से विवादन को विराम देता नज़र आ रहा है। जयराम को भी इंदू की नियुक्ति राजनीति संतुलन बनाने में अब सहायता कर सकता है क्योंकि शांता कुमार भी अब शांत हो जाएंगे।
इंदू गोस्वामी का जन्म 12 अप्रैल 1970 में हुआ था और बैजनाथ कॉलेज में ही पढ़ाई की बैजनाथ में स्कूलिंग की। 1988 में उन्होंने भाजपा को पूर्ण रूप से जॉइन कर लिया था और उसके बाद उन्हें भाजपा युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया गया। पार्टी में पूर्णकालिक के रूप में कार्य किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व सांसद कृपाल परमार, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जैसे चेहरे मेरे साथी रहे।
उन्होंने कहा कि 1998 में जब पहली बार भाजपा की सरकार बनी तो स्टेट विमेन कमीशन का अध्यक्ष ने बनाया गया जब दूसरी बार प्रदेश में भाजपा की सरकार 2007 में बने तो उन्हें विमेन सोशल जस्टिस बल पर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने कहा कि अपने कार्य निष्ठा ईमानदारी के चलते जो भी जिम्मेदारियां पार्टी की तरफ से मिलती रही उन्हें पूरा करने का प्रयास निरंतर किया इंदू गोस्वामी बैजनाथ में अपना निजी स्कूल चलाते हैं और प्रिया गोस्वामी उनकी बेटी हैं।