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राज्यसभा या प्रदेश अध्यक्ष, धूमल को लेकर फंसा पेंच

नवनीत बत्ता |

विधानसभा चुनावों में हार के बाद भी प्रेम कुमार धूमल हिमाचल की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। प्रेम कुमार की पहचान उनके सोशल नेटवर्क के लिए सबसे जयादा है और बीजेपी का कार्यकर्ता जिस तरह से उनके साथ जुड़ा हुआ है उससे उनके राजनैतिक कद को भी आसानी से आंका जा सकता है। यही कारण है कि अब उनके राज्यसभा सांसद या प्रदेश अध्य़क्ष बनने पर अटकले चलने शुरू हो गई हैं।

लिहाजा, लोकसभा चुनाव अगले साल होना तय हैं और राज्यसभा के लिए भी बीजेपी को एक नाम अप्रैल में भेजना है, जिसमें धूमल की लॉटरी लग सकती है। वहीं, धूमल के एक्सपीरियंस का लाभ जयराम सरकार को मिले इसके लिए भी हाईकमान उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पर बना सकती है। क्योंकि, जिस तरह ने सरकार ने रिटायर्ड लोगों की नौकरी दोबारा बहाल की, उसमें सरकार ने सोच-विचार विमर्श सही नहीं किया जिसके चलते सरकार ये कदम उठाना पड़ा। यदि धूमल जैसा अनुभवी चेहरा सरकार के पास होगा तो सरकार को इसका लाभ मिलेगा।

वैसे देखा जाए तो धूमल के लिए दोनों ही विक्लप बने हुए हैं औऱ उन्होंने भी एक बात स्पष्ट तौर पर कह दी है कि वे सिर्फ राजनीति ही करेंगे और सक्रिय राजनीती में रहेंगे। अब वेट एंड वॉच की स्तिथि बीजेपी में बनी हुई है और हाईकमान भी इसपर नज़रे गढ़ाए बैठा है। उम्मीद की जा रही है कि कुछ ही दिनों में बीजेपी धूमल को बड़ा पद या फिर राज्यसभा का दावेदार बना सकती है।