लोकसभा चुनावों का ऐलान होने के बाद से हिमाचल प्रदेश बीजेपी के लिए मंडी संसदीय क्षेत्र टिकट को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह औऱ मुख्यमंत्री भी सम्मेलन में रामस्वरूप को ही टिकट देने के संकेत दे चुके हैं, लेकिन अंदरुनी रिपोर्ट बताती है कि उनके नाम पर बीजेपी की सीट निकालने पर संशय बना हुआ है। इसी बीच टिकट का तलबगार सुखराम परिवार भी लगातार बीजेपी को चुनौति दे रहा है और टिकट की मांग कर रहा है।
अब एक बार फिर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के बयान पर सियासत गर्मा गई है और सुख़राम समर्थकों ने अपनी ही पार्टी को ख़री खोटी सुनाई है। सत्ती के बयान पर सुखराम समर्थक और जिला उपाध्यक्ष धर्मपाल, हरीश और राजकुमार ने कहा कि हमें ये नहीं भूलना चाहिये की बीजेपी की सरकार बनाने में सुखराम परिवार का बड़ा हाथ है। धूमल के बाद यदि जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री की गद्दी नसीब हुई है तो इसमें सुखराम का योगदान रहा है जो किसी को बताने की ज़रूरत नहीं..।।
उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने वरिष्ठ नेता के परिवार के खिलाफ बयान दिया है जिन्होंने प्रदेश में सरकार के लिए भरपूर काम किया। यहां तक कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में भी सुखराम ने अपनी जनसभाएं की हैं। बीजेपी नेता का ये बयान निंदनीय है और इससे बीजेपी के लोग आहत हुए हैं। बताते चलें कि सत्ती का बयान आया था कि 'आश्रेय शर्मा तो पार्टी के सदस्य भी नहीं है।' इसपर सवाल ये था कि वे टिकट की मांग कर रहे हैं…??
वहीं, अग़र इन जिला पदाधिकारियों की बयानों पर ग़ौर किया जाए तो ये एक बार फिर साफ़तौर पर टिकट की होड़ में बीजेपी पर प्रेशर बनाने का काम कर रहे हैं। क्योंकि सत्ती का बयान टिकट को लेकर आश्रेय शर्मा पर था, जबकि जिला पदाधिकारियों ने पूरे परिवार और पंडित सुखराम को ढाल बना लिया।