<p>हिमाचल में चार नगर निगमों का रास्ता साफ़ हो गया है। हिमाचल विधानसभा ने आज विरोध के बावजूद हिमाचल प्रदेश नगर निगम संसोधन विधेयक 2021 पास कर दिया। प्रश्नकाल के बाद हिमाचल प्रदेश नगर निगम संसोधन विधेयक 2021 को शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में विचार विमर्श और पारण के लिए रखा। इस पर विपक्ष की तरफ से किन्नौर के विधायक जगत नेगी ने सरकार द्वारा शक्तियां अपने पास रखने जैसे कई सवाल उठाए और इसमें संसोधन की मांग उठाई। उन्होंने रोटेशन सिम्बल की शक्तियां डीसी को देना औऱ आरक्षण को लेकर भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाए है। इसलिए कानून को बनाने से पहले सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए।</p>
<p>कॉमरेड राकेश सिंघा ने विधेयक को जल्दबाजी में सदन में लाने की बात करते हुए बताया कि कानून जो लाया जा रहा है वह लीगल न होकर राजनीति से प्रेरित है। कानून को अंतिम माना जाता है लेकिन इस कानून में शक्तियां डीसी को दे दी। डीसी को सरकार प्रभावित कर सकती है। इसलिए ये कानून पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। यदि सरकार बहुमत का बल दिखाकर इस रूप में इस कानून को पारित करने की कोशिश करती है तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से नहीं हिचकिचाएंगें।</p>
<p>शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि नगर निगम को लेकर कानून बनाने की ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि शिमला के अलावा अब 4 नई नगर निगम बन गई है। निगम के कानून में ये प्रावधान है कि राजनीतिक पार्टी चुनाव चिन्ह पर चुनाव करवाए जा सकते हैं। डीसी की शक्तियां इस लिए है कि क्योंकि यदि किसी को डिसक्वालीफाई करना है तो डीसी से नीचे का अधिकारी नहीं कर पाएगा। इससे ऊपर का अधिकारी कर पाएगा ऐसा प्रावधान पहले से है। जहां तक आरक्षण का सवाल है वह एक्ट में प्रोविजन है। रोटेशन के आधार पर निगमों में चुनाव लड़ने का प्रावधान है।</p>
<p>विपक्ष के तरफ जगत नेगी ने बताया कि बिल को पटल पर नहीं रखा गया। ई-विधान में इसको नहीं डाला गया। विपक्ष के सदस्यों को इनकी जानकारी तक नहीं थी। इसलिए बिल को संसोधन के लिए सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए। यदि ज़बरन बिल को पास करना है, सरकार तानाशाही से बिल को पास करना चाहे तो सरकार की मर्ज़ी, धक्काशाही से कानून पास करना गलत है। ये कानून काला कानून हैं।</p>
<p>जिस पर शहरी विकास मंत्री ने बताया कि नियमों में प्रावधान के मुताबिक़ ही बिल को सदन में रखा गया है यदि विपक्ष इस पर राजनीति करना चाहे तो कुछ नहीं कर सकते हैं। इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बिल में संसोधन कर दो दिन बाद भी पास किया जा सकता है।</p>
<p>शहरी विकास मंत्री सुरेश मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि ये व्यवस्था विधानसभा की है इसको चैलेन्ज नहीं किया जा सकता है। नए संसोधन प्रावधानों के मुताबिक़ ही होंगे। इसमें कोई नया संसोधन नहीं है। कानून के मुताबिक़ ही लाया गया है विधेयक। इसी के साथ हिमाचल प्रदेश नगर निगम संसोधन विधेयक 2021 पास कर दिया गया। विरोधस्वरूप विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।</p>
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