<p>हिमाचल प्रदेश को सदियों से साधु और ऋषि-मुनियों द्वारा तपोभूमि के रूप में अपनाने के कारण इसे देवभूमि का गौरव प्राप्त है। यही कारण है कि प्रदेश के जन-जीवन में इसकी अमिट छाप स्पष्ट दिखाई देती है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज ठाकुर जगदेव चन्द मेमोरियल शोध संस्थान, हमीरपुर और हिमाचल भाषा कला एवं संस्कृति अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में, नेरी, हमीरपुर में आयोजित ‘पश्चिम हिमालय क्षेत्रों में ऋषि परम्परा’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारम्भ अवसर पर कही।</p>
<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की समृद्ध ऋषि परम्परा को संजो कर रखना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में हमने अपनी समृद्ध संस्कृति एवं परम्पराओं को पीछे छोड़ दिया है। केवल वही समाज प्रगति कर सकता है, जो अपनी संस्कृति एवं परम्परा का सम्मान करता है। हमें अपनी युवा पीढ़ी को पूर्वजों द्वारा संजोई गई सांस्कृतिक धरोहर का आदर करने के लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि उनमें अपने पूर्वजों और संस्कृति के प्रति आदर-सत्कार की भावना जागृत हो सके।</p>
<p>जयराम ठाकुर ने कहा कि हमें अपने इतिहास और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए और कहा कि यह सम्मेलन ऋषि-परम्परा को आगे ले जाने में वास्तव में एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे आने वाली पीढ़ी को भी लाभ होगा। प्रदेश सरकार इस सम्मेलन से आने वाले मूल्यावान सुझावों का स्वागत करेगी।</p>
Pre-Matric Scholarship for SC ST Students: भारत सरकार ने केंद्र प्रायोजित स्कॉलरशिप स्कीम के लिए…
18 माह तक कैंसर से जंग लड़ने बाद मौत से हारा कुफरी का कृष्ण…
State-Level Role Play Competition Solan : एससीईआरटी सोलन में सोमवार से दो दिवसीय राज्य…
Mandi: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखा हमला करते हुए…
नव भारत युवा संघ ने डॉ. वाई एस परमार मेडिकल कॉलेज, नाहन की अव्यवस्थाओं को…
Children's Fair 2024: राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या हमीरपुर में सोमवार को आयोजित बाल…