मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बुधवार को ‘हिम विकास समीक्षा’ बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के दिशा-निर्देश दिए ताकि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से हासिल किया जा सके। सभी विभागों को कम से कम एक नई पहल के साथ आगे आना चाहिए और इसका प्रभावी कार्यान्वयन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके लिए अधिकारियों को रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ पहल करनी चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा का उद्देश्य यह है कि इन परियोजनाओं को गति प्रदान की जाए और योजनाओं के लाभ समयबद्ध तरीके से प्रदेश की जनता को प्रदान किए जाएं। राज्य के 21 विभागों के लिए 103 मुख्य निष्पादन संकेतक निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा 26 विभागों के लिए चार सामान्य मुख्य निष्पादन संकेतक भी निर्धारित किए गए हैं। सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली की समीक्षा के लिए यह एक समग्र कार्यक्रम है।
जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को राज्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को इनका शीघ्र लाभ मिल सके। लोक निर्माण विभाग को नई परियोजनाओं को लागू करने में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, जो अन्य राज्यों के लिए बैंचमार्क बन सके। उन्होंने एफआरए और एफसीए के मामलों में तेजी लाने पर बल दिया ताकि विकासात्मक परियोजनाएं वन स्वीकृतियों के कारण प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि प्रभावी कामकाज के लिए विभागों में कार्य प्रबन्धन प्रणाली को शीघ्र लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने व गुणवत्ता को बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा तथा इसमें कोताही करने पर ठेकेदारों या अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करें कि ग्रामीण क्षेत्रों में जल जनित रोगों के फैलने से रोकने के लिए क्लोरीनयुक्त पानी की आपूर्ति और नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सिंचाई की सुविधा किसानों को न केवल नगदी फसलों की खेती के लिए प्रेरित करेगी बल्कि अगले दो वर्षों में कृषि आय को दोगुना करने में भी सहायक होगी। उन्होंने कमाण्द क्षेत्र के विकास और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में हैण्डपम्प लागने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग को फसल कटाई के बाद प्रबन्धन और खाद्य प्रसंस्करण पर जोर देना चाहिए ताकि किसानों की उपज की मूल्य वृद्धि हो, ताकि किसानों की आय बढ़ सके। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि राज्य देश का प्राकृतिक कृषि राज्य बन सके। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में रोजगार व स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के भी प्रयास किए जाने चाहिए। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया हंै और लगभग 40 हजार किसानों ने वास्तविक रूप में प्राकृतिक खेती करना आरम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों को आय वृद्धि के लिए डेयरी गतिविधियां बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मिल्कफेड को अपनी गतिविधियों में विविधता लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में गाय अभ्यारण्यों की स्थापना की जाएगी, ताकि बेसहारा पशुओं को आश्रय मिल सके। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए आगे आना चाहिए कि सभी बेसहारा पशुओं को इन अभ्यारण्यों में पहुंचाया जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके मुकाबले में 1760 करोड़ रुपये के निवेश के लिए निजी निवेशक आकर्षित हुए है। छात्रों को वर्दी, बैग और लैपटाॅप देने में देरी होने पर मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी जताते हुए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले शिक्षा सत्र के दौरान छात्रों को वर्दी, बैग, किताबें और लैपटाॅप इत्यादि समय पर मिल सकंे ताकि छात्रों की किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करने पड़े। उन्होंने छात्रों के गणित व अंग्रेजी के लर्निंग आॅउटपुट को बेहतर बनानेे पर विशेष रूप से बल दिया और कहा कि कैम्पस प्लेसमेंट के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि लर्निंग आॅउटकम में वृद्धि होनी चाहिए ताकि राज्य शिक्षा के क्षेत्र में देश का प्रथम राज्य बन सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य अपनी स्वच्छता और समृद्ध पर्यावरण के लिए जाना जाता है, इसे बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने पाॅलीथीन खरीद योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने पर बल दिया।