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धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने से CM ने किया इनकार

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश नवनियुक्त सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने धर्मशाला को दूसरी राजधानी का दर्जा देने पर रूख साफ कर दिया है। धर्मशाला में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हिमाचल के निवासी है औऱ सारा हिमाचल एक है। धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने की अभी तक कोई जरूरत नहीं है।

भ्रष्टाचार और नशे के खिलाफ होगी जंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार और नशे के बिलकुल खिलाफ रहेगी। पिछली सरकार के दौरान गुड़िया, होशियार सिंह जैसे अपराधों से कानून व्यवस्था पर से लोगों का विश्वास उठ गया था। यहां तक नशा मुक्त हिमाचल बनाने में भी पुलिस की छवि खराब हुई थी। सरकार कानून व्यव्यस्था को चुस्त दरुस्त रखेगी और जोश तथा होश के साथ प्रदेश में काम किया जाएगा।

पिछली सरकार ने आखिरी दिनों में लगाए फट्टे

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने जाते जाते जो फट्टे लगाएं हैं वे व्यवहारिक नहीं थे। पिछली सरकार ने सीएम राहत कोष को शून्य कर दिया था, लेकिन मौजूदा सरकार के सभी मंत्री एक लाख सैलरी राहत कोष में देने जा रहे हैं। इसके अलावा विधायकों से भी आग्रह किया जाएगा।

HPCA को लेकर पूछे गए सवाल में जयराम ठाकुर ने बताया कि जो मामले प्रतिशोध की भावना से बनाए गए उनको वापिस लिया जाएगा। हिमाचल में फिलहाल 46500 करोड़ का कर्जा है जो कि चिंता का विषय है और सरकार इसपर जरूर काम करेगी।

जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगी सरकार

मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि जनता ने बीजेपी पर भरोसा जताया है और उनको सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। जनता से जुड़े हर मुद्दे को सुना जाएगा औऱ उसपर खरा उतरने के प्रयास किये जाएंगे। सरकार ने हिमाचल में संतुलित मंत्रिमंडल देने की कोशिश की है, जिससे हर विभाग में अधिकांश विकास होगा।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यक्ष पद के लिए एक ही नाम था राजीव बिंदल और उनका बनना तय है। जनता से सीएम ने आग्रह किया कि किसी भी कार्यक्रम या समारोह पर फूल गुलदस्ते आदी ना दें, ये फिजूल खर्ची हैं। पैर छूने की परंपरा को खत्म किया जाए।