<p>पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में प्रदेश को प्रदान किए गए औद्योगिक पैकेज के कारण यहां फार्मा उद्योग को व्यापक स्तर पर बढ़ावा मिला और अब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों को अवसरों में बदल रहे हैं। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कॉन्फिडरेशन ऑफ इण्डियन इन्डस्ट्री द्वारा आयोजित चेंजिंग लैंडस्केप ऑफ इण्डियन फार्मा सेक्टर विषय पर आज यहां आयोजित वेबीनार की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।</p>
<p>मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर वैबीनार का आयोजन करने के लिए सीआईआई का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने हम सभी को अपनी स्वास्थ्य रणनीति पर पुनः विचार करने के लिए विवश कर दिया है। 2021-22 के बजट में केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन में 137 प्रतिशत की वृद्धि की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत ने इस महामारी को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया है और आज देश न केवल इस महामारी से लड़ने में आत्मनिर्भर बनकर उभरा है, बल्कि विभिन्न देशों को पीपीई किट, वेंटीलेटर और एन-95 मास्क जैसे उपकरण भी निर्यात कर रहा है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि प्रदेश को बद्दी में एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब होने का गौरव प्राप्त है, जिसका श्रेय प्रदेश में कार्यरत फर्मा कम्पनियों को जाता है। कोविड महामारी के नियंत्रण में हिमाचल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और इस दौरान प्रदेश ने पूरे देश के साथ-साथ विश्व के 30 देशों को भी दवाई पहुंचाई है। प्रदेश सरकार राज्य को बल्क ड्रग फार्मा मिलने की उम्मीद कर रही है। प्रदेश में उद्यमियों को पर्याप्त भूमि की उपलब्धता, अतिरिक्त बिजली आपूर्ति, निवेश अनुकूल नीतियां आदि जैसे विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं, जो निवेशकों को कहीं और नहीं मिल सकते है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार की बल्क ड्रग पार्क योजना के तहत सक्रिय रूप से बोली लगाई है और जिला ऊना में 1405 एकड़ भूमि पर इस पार्क की स्थापना के लिए 1 हजार 190 करोड़ रुपये की परियोजना का प्रस्ताव भेजा है। लगभग 8 हजार करोड़ रुपये के निवेश से 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार सुनिश्चित होगा। यह पार्क राज्य के लगभग 15000 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार भी प्रदान करेगा।</p>
<p>जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में सक्रिय फार्मास्युटिकल उत्पादन के कारण देश की निर्भरता अन्य देशों पर कम हुई है। प्रदेश सरकार ने केंद्र को सोलन जिला के नालागढ़ क्षेत्र में 265 एकड़ भूमि पर 261 करोड़ की लागत से चिकित्सा उपकरण पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा है। इससे लगभग 4 हजार से 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश सुनिश्चित होगा और लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने के साथ-साथ लगभग 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। यदि प्रदेश सरकार के यह दोनों प्रस्ताव सफल होते हैं तो इससे न केवल प्रदेश बल्कि देश में भी फार्मा क्षेत्र को अत्याधिक लाभ होगा।</p>
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