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प्रदेश सरकार के खिलाफ विपक्ष के पास नहीं है कोई मुद्दाः जयराम ठाकुर

बीरबल शर्मा |

मंडी पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकार की तारिफ करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के खिलाफ न तो विपक्ष और न ही प्रदेश के लोगों के पास ऐसा कोई मुद्दा है, जिस पर सरकार को घेरा जा सके। उनकी सरकार ने यह साबित कर दिया कि प्रदेश की संस्कृति, शालिनता और समरसता के अनुरूप राजनीति की जा सकती है। उनके कार्यकाल में ऐसा कोई भी बड़ा मुद्दा नहीं आया जिसकी वजह से सरकार को विरोध का सामना करना पड़ा हो।

मुख्यमंत्री ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकारों का विकास का नजरिया केवलमात्र संस्थान खोलने को लेकर ही रहा है। स्कूल, कालेज, स्वास्थान, तहसील और अन्य संस्थान खोलने के बाद उनमें सुविधाएं मुहैया करवाने की ओर ध्यान नहीं दिया जाता। कई कॉलेज तो मात्र एक-एक लाख रूपए के बजट के प्रावधान के साथ ही खोल दिए गए। मगर उनकी सरकार नए विजन के साथ काम कर रही है। पूर्व की सरकारों के पास विजन का अभाव रहा है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार कोविड काल की कठिन परिस्थितियों में बेहतर काम किया है। अब हर घर को नल, सड़क- बिजली आदि के बजाय लंबे समय के लिए योजनाएं बनाने की आवश्यक्ता है। प्रदेश में आने वाले 50 सालों में पेयजल की किल्लत न हो ऐसी योजनाएं सरकार की ओर से बनाई जा रही है। केवल मात्र संस्थान खोलना ही विकास का पैमाना नहीं है, सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए। नई तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग होना चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बेहतर योजनाएं बनानी होगी। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोड क्रेक्टिवीटी पर ध्यान दिया जा रहा है। इससे पर्यटन को पंख लगेगें। 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश अपनी स्थापना के पचास साल पूरे करने जा रहा है। अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें हिमाचल प्रदेश की गौरवमयी विकास यात्रा का वर्णन होगा। पंचायत चुनावों के बाद एक अभियान के रूप में प्रदेश भर में चलाया जाएगा।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर कांग्रेस के शासनकाल में कोविड जैसी वैश्विक महामारी होती तो देश और प्रदेश में कांग्रेस की सरकारों के शासन में लूट मच जाती। प्रदेश कांग्रेस ने मास्क और सेनिटाईजर के फर्जी बिल बनाकर पार्टी हाई कमान को भेजे और 12 करोड़ रूपए का बिल हाईकमान से लिया है। इसके विपरीत उनकी सरकार ने कोविड काल में भी शिकायतों पर कार्रवाई अमल में लाई है।