मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज पोषणयुक्त और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मिल्कफेड के ‘हिम हल्दी दूध’ का शुभारम्भ किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिम हल्दी दूध पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित किया गया है, जिसका पेटेंट करवाया गया है। ये पेय डिटॉक्स ड्रिंक है, जिसमें एंटी हैंगओवर, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी और रोग प्रतिरोधक क्षमता विद्यमान है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पेय आम जनता के बीच लोकप्रिय होगा। साथ ही राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत मिल्कफेड ने आज 835 मंडी, शिमला और कुल्लू के दूग्ध उत्पादकों के बैंक खातों में कुल 16.70 लाख रुपये हस्तांतरित किए। प्रत्येक दुग्ध उत्पादक के बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि के रूप में 2000 रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। उन्होंने 1000 लीटर दूध बाजार तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक उत्पादक को पांच लीटर स्टेनलेस स्टील की बाल्टियां प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने दूध के खरीद मूल्य में दो बार बढ़ोतरी की है। वर्तमान में दुग्ध उत्पादकों से 27.80 रुपये प्रति लीटर की दर पर दूध क्रय किया जा रहा है। मिल्कफेड द्वारा दुग्ध उत्पादकों को दूध क्रय के लिए 8 से 9 करोड़ रुपये प्रतिमाह उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और पशु चारा भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। चक्कर और दत्तनगर के मिल्कफेड प्लांट की क्षमता को 16 लाख रुपये प्रत्येक पर व्यय कर बढ़ाया गया है। वर्तमान में राज्य में मिल्कफेड द्वारा 11 दुग्ध प्लाटों का प्रबन्धन किया जा रहा है और 1011 दूग्ध सहकारी सभाएं मिल्कफेड से जुड़ी हुई हैं।
जयराम ठाकुर ने वर्ष 2019-20 में मिल्कफेड की 132 करोड़ रुपये की कुल वार्षिक बिक्री पर प्रसन्नता व्यक्त की, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 33 प्रतिशत अधिक है। कोविड महामारी में भी मिल्कफेड ने अपनी गतिविधियां जारी रखीं और किसानों से दूध प्राप्त किया।