हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में अभी नींव की ईंट रखी ही गई, कि इसपर राजनीति का खेल शुरू हो गया है। श्रेय की होड़ में पहले जहां बीजेपी ने रैली निकालकर खूब प्रचार किया, वहीं अब कांग्रेस ने भी कदम आगे बढ़ाया है। प्रदेश अध्यक्ष सुक्खू साफ कहा कि पत्थर पर नाम लिखने से सच्चाई नहीं छिपती, जनता जानती है कि किसकी मेहनत से ये सब शुरू हो रहा है।
हमीरपुर में हुए शिलान्यास कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए सुक्खू ने कहा कि सरकार ने जोलसप्पड़ मेडिकल कॉलेज की नींव 15 किमी दूर हमीरपुर से ही रख दी। केंद्रीय मंत्री सहित बीजेपी के तमाम नेताओं ने यहां आना जरूरी नहीं समझा, क्योंकि अग़र वे यहां आते तो उनका नाम भी उन्हें शिलान्यास में ऐड करना पड़ता। उन्होंने कहा कि सरकारें तो आती-जाती रहती हैं, लेकिन दूरदर्शी सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। यहां तक कि स्थानीय विधायक होने के नाते उन्हें निमंत्रण तक नहीं दिया गया, जो उनकी छोटी सोच को दर्शाती है।
मेडिकल कॉलेज कांग्रेस की देन
सुक्खू ने कहा कि जनता जानती है कि मेडिकल कॉलेज को 4 मार्च 2014 को पूर्व यूपीए सरकार ने दिया है। उस समय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने रातोंरात 186 करोड़ के बजट सहित मंजूर कराया था। केंद्र में मोदी सरकार बनने पर बीजेपी नेताओं ने रोड़े न अटकाए होते तो पूर्व कांग्रेस सरकार में ही यह कॉलेज जोलसप्पड़ में शुरू हो गया होता। केंद्र सरकार से इसे जोलसप्पड़ में स्वीकृत किया है, और यह बनेगा भी वहीं। अगर भाजपा सरकार ने कोई षड्यंत्र रचा तो कांग्रेस सड़कों पर उतरने से गुरेज नहीं करेगी।
हाइकोर्ट के आदेशों की उड़ाई धज्जियां
अध्यक्ष ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास में सरकार ने जमकर सत्ता का दुरुपयोग किया। स्कूल के ग्राउंड में कार्यक्रम कर हाइकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाई गईं। हाइकोर्ट के आदेशों अनुसार, स्कूल के ग्राउंड में राजनीतिक कार्यक्रम नहीं हो सकता। यही नहीं, स्कूली बच्चों को भीड़ बढ़ाने के लिए जबरन रोककर जनसभा में बिठाया गया। हाइकोर्ट तो इस पर स्वत संज्ञान लेते हुए अवमानना की कार्रवाई करनी चाहिए।