प्रदेश पर बढ़ते वित्तिय बोझ पर कांग्रेस ने चिंता जताई है। प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि सरकार अपने खर्चों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। प्रदेश पर 52 हजार करोड़ रुपये का कर्ज होना बहुत ही चिंता का विषय है। प्रदेश सरकार अपने शासकीय खर्चे चलाने के लिए हर महीने ऋण पर ऋण ले रही है, वह प्रदेशहीत में नहीं है।
भाजपा के नेता चुनावों से पूर्व प्रदेशहित के बड़े-बड़े दावे करते थे। कहते थे कि केंद्र की मोदी सरकार प्रदेश को किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखेगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 बार प्रदेश के दौरे पर भी आये। दोनों ही बार प्रदेश को उन्होंने कोई भी न तो कोई वित्तिय सहायता ही दी न कोई सौगात। अभी हाल ही प्रदेश सरकार के 2 साल के कार्यकाल पूरा होने पर गृह मंत्री भी बड़ी-बड़ी बातें करके चले गए। उन्होंने भी प्रदेश को कुछ नहीं दिया।
राठौर ने कहा है कि असल में प्रदेश सरकार अपनी कोई भी मांग सही तरीके से केंद्र के समुख नहीं रख पा रही है। मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी बार-बार दिल्ली तो जाते हैं, पर खाली हाथ लोट आते है। धर्मशाला में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में करोड़ों रूपये पानी की तरह खर्च करने के बाद भी प्रदेश को अब तक कोई लाभ नहीं मिला। केवल ग्यापन समझौता पत्र साईन करने के बाद भी अभी तक सरकार के हाथ खाली है।
उन्होंने कहा है कि अगर यही हालात रहे तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति बद से बदत्तर हो जाएगी। जब प्रदेश में सरकार चलाने को ही पैसा नहीं है तो विकास कामों को कैसे शुरू किया जा सकता है। वैसे इन दो सालों में प्रदेश सरकार की ऐसी कोई भी उपलब्धि नहीं है जिसका वह गुणगान कर सकें। प्रदेश में पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू किए गए कामों के ही या तो फीते काटे जा रहे है या उन्हें अधूरा छोड़ दिया गया है।