लोकसभा चुनावों से कुछ ही महीनों पहले कांग्रेस ने हिमाचल में बड़े बदलाव किये हैं। इन बदलाव के तहत हाईकमान ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कुलदीप राठौर को बिठाया है, जबकि सुखविंदर सिंह सुक्खू को पद से हटा दिया गया। उनके हटाने के पीछे बेशक कांग्रेस पार्टी उनके कार्यकाल का हवाला दे रही हो, लेकिन जिस तरह सुक्खू पर हाईकमान मेहरबान रहा है। उससे साफ़ कहा जा सकता है कि सुक्खू के नाम पर हाईकमान कुछ बड़ा प्लान कर रही है।
क़यास लगाए जा रहे हैं कि हाईकमान आगामी लोकसभा चुनावों में सुक्खू को कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में हार के बाद से सुक्खू ने ही पार्टी को मजबूत करने पर बल दिया है। यहां तक कि पिछले कई महीनों से सुक्खू को पार्टी से हटाने की बाते मीडिया की सुर्खियों में भी रही हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह भी उन्हें हटाने की कवायद करते रहे हैं। लेकिन उस वक़्त हाईकमान ने इस बात पर कोई चर्चा नहीं की। अब जब लोकसभा चुनावों को एक महीना भी बाकी नहीं रहा तो हाईकमान का अचानक ये फ़ेरबदल जरूर चर्चा का विषय बन गया है।
'अनुराग के मुकाबले का कैंडिडेट उतारेगी कांग्रेस'
प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के पास कई ऐसे चेहरे हैं, जिनके दम पर कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनावों में उतरेगी। लेकिन, हमीरपुर और मंडी की बात करें तो कांग्रेस के पास अभी तक कोई सशक्त कैंडिडेट नहीं। हालांकि, कई नेता हैं लेकिन वे चुनाव न लड़ने के संकेत दे चुके हैं। वैसे भी कांग्रेस यहां बीजेपी के मुकाबले के कैंडिडेट लाना चाहती है और ये बात कांग्रेस पहले साफ़ भी कर चुकी है। यहां तक कि प्रभारी रजनी पाटिल भी इस बात को कह चुकी हैं कि हमीरपुर में कोई सशक्त कैंडिडेट उतारा जाएगा।
'दोनों नेता कर चुके चुनाव से इंकार'
इससे पहले मीडिया में कांग्रेस की हमीरपुर कैंडिडेट के नाम पर कई चर्चाएं चलती रही हैं। लेकिन आख़िरी दौड़ में मुकेश अग्निहोत्री और सुक्खू का ही नाम सामने आ रहा था। बाद में इन दोनों नेताओं ने बेशक मीडिया में सफाई देते हुए कहा था कि हम चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं। लेकिन अस़ल में देखा जाए तो कांग्रेस के पास इन दोनों नेताओं के अलावा हमीरपुर में अनुराग के मुकाबले और कोई कैंडिडेट नहीं है। अब देखना ये होगा कि हाईकमान क्या फैसला लेता है।
केंद्र में मिल सकती है जगह!
सुक्खू को अध्यक्ष पद से हटाने के बाद कयास तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि हाईकमान उन्हें केंद्र में कोई जिम्मेदारी दे सकता है। हालांकि ये पद क्या होगा इसका तो अभी तक कोई अंदाजा नहीं, लेकिन ये तो तय है कि चुनाव के मौसम में हाईकमान सुक्खू के घड़े को नाराज़ नहीं करना चाहेगी।