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‘देश के सबसे निकम्मे सांसदों में से एक हैं रामस्वरूप’

नवनीत बत्ता |

प्रत्याशियों के चयन के बाद हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का चुनावी प्रचार जोरों पर हैं। चारों सीटों पर सभी प्रत्याशी अपने स्तर पर चुनाव फ़तह करने के लिए जोर लगा रहे हैं। इसी कड़ी में मंडी से कांग्रेस प्रत्याशी आश्रेय शर्मा का प्रचार अभियान जोरों पर हैं। बुधवार को जंजैहली में सीएलपी मुकेश अग्निहोत्री आश्रेय के प्रचार के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सरकार को तो लपेटा ही बल्कि उन लोगों को भी आड़े हाथ लिया जो वीरभद्र सिंह के चुनाव प्रचार पर संशय बना रहे थे।

उन्होंने कहा कि ना सिर्फ वीरभद्र सिंह ही चुनाव प्रचार में आएंगे बल्कि अनिल शर्मा भी चुनाव प्रचार जल्द ही शुरू करेंगे। सुखराम परिवार बुनियादी तौर पर कांग्रेसी परिवार है और कांग्रेस पार्टी को हिमाचल में स्थापित करने में उनका बड़ा योगदान है। ख़ासकर मंडी में उनकी अपनी पहचान है, जिसके भरोसे अब कांग्रेस ने बिना सोचे आश्रेय को टिकट दिया है।

मुकेश ने कहा कि मौजूदा सांसद रामस्वरूप शर्मा मुख्यमंत्री का नाम लेकर नहीं बल्कि अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच में आएं और बताएं कि उन्होंने किस तरह के कार्यक्रम और विकास के काम अपने 5 साल के कार्यकाल में किए हैं। देश के सबसे निकम्मे सांसदों में से एक सांसद का नाम रामस्वरूप शर्मा है और अब मंडी के लोगों को सोचना चाहिए कि रामस्वरूप शर्मा जैसा सांसद चाहिए या युवा सांसद के रूप में आश्रेय शर्मा।

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मंच से बोले आश्रेय शर्मा

वहीं आश्रय शर्मा ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि सिराज से उनका और उनके परिवार का पुराना नाता है। वे अक्सर सिराज अपने पिता और दादा के साथ कांग्रेस के कई कार्यक्रमों में शामिल भी हुए हैं और पिछले चुनावों के दौरान उन्हें कांग्रेस पार्टी की तरफ से सिराज का प्रभारी बनाया गया था। जबना चौहान देश की सबसे युवा प्रधान भी सिराज ने ही दी हैं। बहुत से लोग सिराज में भावनाओं में बहलाने की बात भी करेंगे लेकिन यहां पर लोगों को यह पता होना चाहिए कि यह चुनाव भावनाओं का चुनाव नहीं है यह चुनाव मुद्दों का चुनाव है।

यह चुनाव विकास का चुनाव है और यह चुनाव मुख्यमंत्री का चुनाव भी नहीं है। 2 उम्मीदवारों को बीजेपी ने बदल दिया क्योंकि उन दोनों के काम से हाईकमान को संतोष नहीं था। तीसरे उम्मीदवार को बदलने की बात भी पूरे जोरों से चल रही थी लेकिन सिर्फ मुख्यमंत्री का नाम मंडी से जुड़ा है, इसीलिए तीसरा उम्मीदवार को नहीं बदला गया। आज यह हालत मौजूदा सांसद की हो गई है और स्वस्थ्य और सा दिखाई दे रहा है कि जो वह सांसद विकास कार्यों में सबसे पिछड़ा हुआ सांसद पूरे देश में माना जा रहा है उसे आज प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद ढो रहे हैं।