हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा नरेंद्र मोदी के कर्जदार वाले बयान पर कांग्रेस ने जयराम ठाकुर को आड़े हाथों लिया है। सीएलपी लीडर मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर खुद मुख्यमंत्री बनने के लिए मोदी के कर्जदार हो सकते हैं। लेकिन हिमाचल और हिमाचल की जनता कत्तई मोदी की कर्जदार नहीं है।
अग्निहोत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 5 साल के कार्यकाल में प्रदेश को कर्जमुक्त बनाने में मदद करने के स्थान पर कर्ज लेने पर विवश किया है। आज जब प्रदेश ने 50 हजार के कर्ज को पार कर लिया है, तो मुख्यमंत्री का ये कहना है कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश की जनता मोदी का वोट डाल कर्ज उतारेगी, जो कि अपने आप में हास्यपद है। कर्ज बढ़ाने वाले को जनता सबक सीखाएगी।
सीएलपी ने कहा कि मोदी सरकार ने हिमाचल को कोई हक नहीं दिया है, बल्कि प्रदेश के हकों को लूटने का काम किया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सैकड़ों बार दिल्ली के दौरे पर हेलिकॉप्टर से गए और वापिस बैरंग लौटे हैं। कागजी और लिफाफेबाजी के काम से आगे बढऩे की नीति बीजेपी पर भारी पड़ेगी और अब जनता जुमलेबाजों से पूरा हिसाब लेगी।
'विधानसभा चुनावों में दिखाये सपने'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले 69 राष्ट्रीय मार्ग, 65 हजार करोड़ का सपना दिखाया गया और अब इससे प्रदेश और केंद्र दोनों मुकर रहे हैं। मुख्यमंत्री बताएं कि किस NH के लिए बजट मिला है और कितना मिला है। सरकार श्वेत पत्र जारी करे। स्मार्ट सिटी के नाम पर प्रदेश से ठगी की गई है। दोनों में से कोई भी स्मार्ट सिटी नहीं बन पाई है। दोनों स्मार्ट सिटियां मोदी की गलत नीतियों से भंवर में फंसी हुई हैं। सेंट्रल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास पांच साल में क्यों नहीं हुआ। अंतिम चुनावी महीनों में क्यों याद आई।
कहा है मंडी की हवाई पट्टी
नेता विपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बताएं कि मोदी के साथ उनके मधुर संबंधो ने मंडी की हवाई पट्टी को कितना बजट दिया है। रेलवे प्रोजेक्टों के लिए क्या फंडिंग हुई है। हाटी समुदाय को दिल्ली के चक्कर लगाने के बावजूद क्यों एसटी का दर्जा नहीं मिला है। हिमाचल को अलग से सेना की रेजीमेंट क्यों नहीं मिल पाई है। मोदी ने प्रदेश से धोखा और दगा किया है, इसलिए जुमलों के बादशाह की झोली भी बेरंग रहेगी।
रैली में भी पीएम ने करवाया खर्चा
मुकेश ने कहा कि सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर कुछ मिलने की आस में जयराम ने धर्मशाला के जश्न में पीएम मोदी को बुलाया। लेकिन आखिरी फेरे में भी मोदी ने कुछ नहीं दिया। उल्टा सरकारी रैली के माध्यम से प्रदेश के करोड़ों रुपये खर्च करवा दिए गए।