पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सूक्खू ने स्वास्थ्य निदेशक की गिरफ्तारी पर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। सु्क्खू ने कहा कि पांच लाख रुपये के लेनदेन के वायरल ऑडियो ने सरकार में चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। एके गुप्ता तो मोहरा हैं, अगर भ्रष्टाचार के इस मामले की निष्पक्ष जांच हो तो बड़ी मछलियां जाल में फंसेंगी।
उन्होंने जयराम सरकार से पूछा है कि स्वास्थ्य निदेशालय से होते हुए किस-किस तक सामान पहुंचता रहा। ऑडियो में पैसे के लेनदेन को सामान कोड वर्ड दिया गया है, जिससे साफ है कि सामान की डिलीवरी एके गुप्ता से आगे भी होती रही होगी। ऑडियो में रिश्वत देने की बात कर रहे व्यक्ति और उसके किंगपिन का नाम भी सरकार जल्दी उजागर करे। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोरोना काल में ही इतना भ्रष्टाचार है तो वैसे सरकार में कितना हो रहा होगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग में हुईं सभी खरीद की उच्च स्तरीय जांच कराएं। यह भी सार्वजनिक किया जाए कि किस खरीद के एवज में 5 लाख रुपये एके गुप्ता को दिए जाने थे। इन सबके पीछे कौन है, सरकार में शामिल किसी बड़े व्यक्ति का तो पूरे भ्रष्टाचार के पीछे हाथ नहीं है। सूक्खू ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि अगर वह स्वास्थ्य विभाग के इस भ्रष्टाचार से पूरी तरह पर्दा उठाना चाहते हैं तो हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराएं। दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा, क्योंकि गुप्ता की गिरफ्तारी ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं।