हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर के अंतिम सप्ताह में बुलाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सत्र बुलाना उचित नहीं है। सरकार दूरदर्शिता का परिचय देते हुए 7 से 11 दिसंबर तक धर्मशाला में सत्र बुलाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। सर्दियों में कोरोना संक्रमण ज्यादा बढ़ने का खतरा है, इसलिए सरकार को जल्दबाजी में सत्र बुलाने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।
सरकार सत्र को प्रदेश में कोरोना का प्रभाव कम होने पर भी बुला सकती है। एक तरफ सरकार स्कूल, कॉलेजों को बंद कर रही है तो दूसरी तरफ शीतकालीन सत्र बुलाकर जनप्रतिनिधियों की जान को संकट में डाला जा रहा है। यह समय एहतियात बरतने का है, ना कि लापरवाही से काम लेने का। सत्र के कारण जनप्रतिनिधि संक्रमण का शिकार भी हो सकते हैं।
सूक्खू ने कहा कि सत्र धर्मशाला में होने के कारण पूरा प्रशासनिक अमला शिमला से जाएगा। विधानसभा के अधिकारी, कर्मचारी और अन्य सरकारी कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगेगी। इन सबके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ होगा। वह विधायकी कार्यों के विरोध में नहीं हैं, लेकिन कोरोना महामारी से प्रदेश की जनता व स्वयं को बचाने का दायित्व भी हमारा है। उनका मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह है कि फिलहाल सत्र को टाल दिया जाए।