हिमाचल प्रदेश में कोरोना पीड़ित महिला के आत्महत्या करने पर अनेक सवाल उठ रहे हैं। इस पर अब विपक्ष के नेताओं ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष औऱ कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाए हैं। सुक्खू ने कहा कि कोरोना मरीजों को लेकर सरकार की सोच ठीक नहीं है। इसी का नतीजा है कि संक्रमित मरीजों को उचित इलाज न मिलने पर आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
कोविड-19 अस्पतालों में मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल रहा। इससे वे हताश हो रहे हैं। प्रदेश सरकार ने जनता को उसी के हाल पर छोड़ दिया है। कोरोना की रोकथाम के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे। सुक्खू ने सुझाव दिया कि अस्पतालों में दाखिल संक्रमितों की काउंसलिंग भी कराई जानी चाहिए ताकि वे अवसादग्रस्त न हों। कोरोना मानसिक रूप से भी मरीजों को कमजोर रहा है। दिन-ब-दिन प्रदेश में मामले बढ़ते जा रहे हैं, इसलिए सरकार को ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है। लेकिन, सरकार ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
संक्रमण से मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग अपनी रणनीति की समीक्षा करे। अस्पतालों में मरीजों को दाखिल करने के लिए भी काफी माथापच्ची चल रही है। हमीरपुर के मरीजों को नेरचौक मंडी भेजने पर ऐतराज जताया जा रहा है। उन्होंने जयराम सरकार से मांग की है कि सरकार कोरोना मरीजों को उचित उपचार मुहैया कराने के साथ ही उनकी उचित देखभाल का प्रबंध करे। अन्य बीमारियों के मरीजों का भी अस्पतालों में उपचार किया जाए। अस्पताल अन्य मरीजों को नहीं देख रहे, जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है।