किसान आंदोलन को लेकर पूर्व मंत्री जीएस बाली ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। अपने फेसबुक पेज के माध्यम से जीएस बाली ने कहा कि 'सरकार कृषि बिल में लिख नहीं रही कि MSP रहेगा। सिर्फ जुबानी आश्वासन दिया जा रहा है जिससे किसान परेशान है। इससे ये साफ होता है कि आज किसानों को भी केंद्र सरकार के बयानों पर भरोसा नहीं रहा।
पूर्व मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के तुगलकी फैसले ने देश की अर्थव्यव्यस्था ध्वस्त कर दी। रोजगार देने वाले असंगठित सेक्टर को तबाह कर दिया। न काला धन आया न कुछ । अब ऐसे ही फैसलों से किसानों को MSP से महरूम करने और उद्योगपतियों के हाथ की कठपुतली बनाने पर तैयारी चल रही है। MSP को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है तो ज़ुबानी घोषनाएं क्यों करती है ? बिल में उसे शामिल क्यों नहीं करती ?
स्मार्ट सिटी, नोटबंदी, आदर्श गांव, मेक इन इंडिया की तरह सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं। बड़ी-बड़ी शेखियां मारी जा रही हैं लेकिन धरातल पर जब पहले कुछ नहीं हुआ तो आगे किसान क्या उम्मीद करे। इस सरकार का यही चलन हो गया है हर फैसले में ऐतिहासिकता का तमगा जोड़ना। बड़ी-बड़ी बातें करना इवेंट करना और अंत मे धरातल पर अपनी बातों को पूरा करने की जगह व्यव्यस्था और जनता को उसी हाल मे छोड़कर किसी अगले गपोड अभियान की तरफ निकल लेना। यही पैटर्न हिमाचल सरकार ने भी अपना लिया है ।