अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव ने बिजली के बढ़े दामों पर सरकार को निशाने पर लिया है। राजेश धर्माणी ने कहा की कोरोना संकट के बीच प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। एक तरफ पूरे प्रदेश की जनता पहले ही ताबड़तोड़ महंगाई से त्रस्त थी और अब प्रदेश सरकार ने लोगों को एक और बड़ा झटका दे दिया है। सरकार ने हिमाचल में 30 पैसे से लेकर 1 रुपये तक बिजली की दरें बढ़ा दी हैं।
मंत्रिमंडल के घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिलों पर दी जाने वाली सब्सिडी घटाने का फैसला लेने के बाद बुधवार को विद्युत नियामक आयोग ने नई दरें जारी कर दी हैं। अब जनता को एक जुलाई से नई दरों के हिसाब से बिजली बिल देने पड़ेंगे जो मध्यम वर्ग और गरीब जनता को महंगाई के बोझ तले दबा के रख देंगे। सरकार ने जो नया स्लैब सिस्टम बनाया है उससे एक रुपये से लेकर 5 रुपए तक प्रति यूनिट की दर से बिजली महंगी हुई है।
धर्माणी ने कहा कि जब बिजली की खपत बढ़ेगी तो हर स्लैब में तय यूनिट्स के हिसाब से बिल तय होंगे। प्रदेश सरकार ने प्री-पेड मीटर का प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं को दी जाने वाली बिजली भी एक रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बढ़ा दी है। 25 जून की कैबिनेट बैठक में सरकार ने जनता को बिजली पर दी जाने वाली रियायत को खत्म करके और नई दरों को लागू करके आम जनता की महंगाई से कमर तोड़ के रख दी है।
एक तरफ प्रदेश सरकार के नेता और मंत्री इस कोरोना महामारी के दौरान अपने भाषणों में जनता को रियायत देने की बात करते हैं और दूसरी तरफ जनता पर आए दिन नए-नए आर्थिक बोझ डाले जा रहे हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान जनता से बड़े-बड़े लुभावने वादे करने वाली भाजपा सरकार की इन जनविरोधी फैसलों के चलते अब जनता महंगाई के बोझ तले दब चुकी है। मध्यमवर्ग और गरीब वर्ग का जीना दुश्वार हो चुका है ।