फर्जी डिग्रियां चलाने वाली 2 यूनिवर्सिटीस़ पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 2 यूनिवर्सिटी के माध्यम से यूजीसी की फर्जी डिग्री दी जा रही हैं और सरकार इस पर कोई क़दम नहीं उठा रही। कांग्रेस ने पहले ही अंधाधुंध प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ खोलने का विरोध किया था लेकिन सरकार ने इस पर ग़ौर नहीं किया। यही वजह है कि आज HPU की मान्यता वाली डिग्रियों से फ्रॉड किया जा रहा है।
यह मामला बहुत गंभीर है क्योंकि इसने डिग्री की प्रामाणिकता पर एक बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है। छात्रों के भविष्य को खतरे में डालने और एक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच शुरू की जानी चाहिए। निजी विश्वविद्यालयों की कथित अनियमितताओं और दुर्भावनाओं को उजागर किया जाना चाहिए। यूजीसी ने अगस्त, 2019 में विश्वविद्यालयों द्वारा डिग्री की बिक्री को इंगित किया और इसे लिखा विनियामक आयोग ने पूरी जांच की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
शिक्षा को बेचने के आरोप सही साबित हुआ है। इससे छात्रों का भविष्य ख़तरे में आ जाएगा औऱ बाहरी राज्यों में हिमाचल से पढ़ें छात्रों को संदेहके आधार पर देखा जाएगा। साथ ही जिन छात्रों को फर्जी डिग्रियां दी हैं वे रद्द की जानी चाहिए। इस घोटाले से प्रदेश में यूनिवर्सिटीज़ की छवि ख़राब हुई है और इसके लिए सरकार को नई एडमिशन बंद कर प्रबंधन पर जांच करवानी चाहिए।
सरकार निजी विश्वविद्यालयों के रिकॉर्ड की स्क्रीनिंग करती है और उनके खिलाफ कार्रवाई करती है। आवश्यक प्रमाणपत्र में निर्धारित शर्तों का पालन न करने वाले विश्वविद्यालय को डिफॉल्ट घोषित कर एक निकास खंड अधिनियमों में डाला जाए और उनकी संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया जाए। सरकार को इस मेगा घोटाले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इसके लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। इस आशंका को दूर करें कि यह अपराधियों को बचा नहीं रहा है।