जयराम सरकार के बजट आने के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर लगातार जारी है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इस बजट को फेल करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्ज में चलेगी। 55 हज़ार करोड़ से ज्यादा का कर्ज क्रोस कर चुका है। सरकार से सवाल किया कि घाटे को कैसे पूरा करेंगे तो कहते हैं कि सेंटर की मदद और यहां-वहां से पैसा आना है तो घाटे से निपट लिया जाएगा। लेकिन अग़र वाकेई में सेंटर से पैसा आता तो मुख्यमंत्री को हवाई पट्टी के लिए यहां से बजट नहीं रखना पड़ता।
स्मार्ट सिटी, रेल लाइन जैसे कई प्रोजेक्ट्स में सरकार ने 50-50 का हिस्सा देने की बात कही है। हिमाचल को विशेष राज्य का दर्जा है और ऐसे में 90-10 की रेशो से बात होनी चाहिए थी लेकिन सरकार प्रदेश पर आर्थिक बोझ डाल रही है। इन्हें पता है कि अब इनके प्रोजेक्ट्स फ़ेल हो चुके हैं और 100-200 का बदलाव करके अपना काम चला रहे हैं। इस बार 25 योजनाओं को ज़िक्र है लेकिन वास्तव में कोई पूरी नहीं होती। पहले भी कई योजनाएं आई हैं और सरकार सिर्फ योजनाओं को मक्कड़जाल फैला रही है।
अग्निहोत्री ने कहा कि इस बजट को विकासशील बजट नहीं कह सकते। इसमें आम जनता के लिए कुछ नहीं है और न ही प्रदेश के युवाओं के लिए ख़ास है। कुछ बाते बजट में छिपा ली गई है जो जनता को नहीं बताई गई। साफ़ तौर पर कहें तो इस बजट में केवल औपचारिकता पूरी हुई है। न ही बजट में कोई विज़न है और न ही कोई डायरेक्शन।