बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाते ही पंडित सुखराम ने बीजेपी नेताओं को जवाब दिया है। सुखराम ने कहा कि जो बीजेपी नेता मुझे और मेरे पोते को लेकर पार्टी में प्राथमिक सदस्य न होने की बात कहते हैं, वे उस वक़्त कहां थे जब उनकी बदौलत बीजेपी को प्रदेश में 28 से 44 सीटें मिली थी। उस वक़्त इन नेताओं को ये बातें याद नहीं आई, लेकिन जब हमने टिकट मांगा तो ये सारी बातें अब खूब याद आ रही हैं।
पंडित सुखराम ने माना कि कुछ लोगों की वज़ह से उनके और वीरभद्र सिंह के बीच मतभेद हो गए थे। लेकिन राजनीतिक मंच पर वे एक साथ दिखेंगे। उन्होंने कहा कि 3 महीने बाद मैं 93 वर्ष का हो जाऊंगा और मुझे खुशी है कि कांग्रेस पार्टी में न सिर्फ हमारे परिवार की… बल्कि मेरे पोते की सम्मानजनक वापसी हुई है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने हमारे ऊपर पूरा विश्वास भी जताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग बिना देखे कुछ भी बयानबाजी करते हैं जो की निंदा का विषय है। हमें लेकर यह कहना कि हम लोग बीजेपी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं है… ये बीजेपी की मानसिकता भी दर्शाता है।
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वहीं, हिमाचल प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा कि बुजुर्ग और नए लोगों का तालमेल किसी भी पार्टी की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होता है। पंडित सुखराम जिन्होंने आज बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है और अपने घर वापसी की है। हम उनका स्वागत करते हैं और आशा करते हैं की पूरी जिम्मेदारी के साथ वह अपने दायित्वों को निभाएंगे।