केंद्र सरकार के किसान बिल के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस ने मंडी में किसान संवाद सम्मेलन बुलाया। इस अवसर पर कांग्रेस के हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने बतौर मुख्यअतिथि मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की गुटबाजी से लेकर कई मुद्दों पर सरकार से भी सवाल किये। ।
राजीव शुक्ला ने कहा कि मिशन 2022 में प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एक दूसरे से जलना और एक दूसरे की जड़ें काटने के बजाय आपस में मिलकर काम करें। ये 2022 में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए आधार बनेगा। सरकार बनी तो सबको स्थान मिलेगा।
अटल टनल के उदघाटन पर शुक्ला ने कहा कि सोनिया गांधी द्वारा किए गए शिलान्यास का पत्थर को हटा दिया गया। यह स्वस्थ परंपरा नहीं है। सरकारें बदलती रहती है, मगर विकास की परंपरा नहीं बदलनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस काय्रकर्ताओं का आहवान किया कि कांग्रेस को स्थानीय स्तर पर इसके खिलाफ आंदोलन चलाना चाहिए। मोदी उदघाटन करने में माहिर हैं। जबकि उन्होंने अपने आप कोई भी चीज नहीं बनाई है। अटल टनल जिसका नाम रोहतांग टनल था यह कांग्रेस की सोच थी, सोनिया गांधी ने इसका शिलान्यास किया तो डॉ. मनमोहन सिंह ने इसके लिए बजट मुहैया करवाया।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी उदघाटन वाले दिन टनल में घुसने नहीं दिया और अकेले ही जीप में बैठकर खाली सुरंग में हाथ हिलाते रहे। किसान बिल ने किसानों की जिंदगी तबाह कर दी है। मैंने संसद में बिल पर सुझाव दिया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे कोई भी कंपनी किसानों के उत्पाद की खरीद नहीं होनी चाहिए और मंडियों को भी खत्म न कर इन्हें निचले स्तर तक सुदृढ़ किया जाए। कांग्रेस की सरकार बनेगी तो सब्जियों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाया जाएगा।
सेरी मंच से निकली ट्रैक्टर रैली
इससे पूर्व ऐतिहासिक सेरी मंच से विपाशा सदन तक ट्रैक्टर रैली निकाली गई। इस रैली में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता ट्रैक्टरों पर सवार होकर भ्यूली स्थित विपाशा सदन पहुंचे। किसान संवाद सम्मेलन में कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई। इस मौके पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू के समर्थकों ने मंच के सामने जमकर नारेबाजी की। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला के सामने कांग्रेसियों ने काफी देर तक हंगामा किया। राजीव शुक्ला को माइक पर उन्हें शांत रहने के लिए अपील करनी पड़ी। सुक्खू ने कहा कि केवल सोनिया गांधी और राजीव शुक्ला के पक्ष में ही नारे लगाए जाएं और किसी के भी पक्ष में नारे न लगाए जाएं।
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
कांग्रेस के किसान संवाद सम्मेलन में कोविड-19 से बचाव को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग की जम कर धज्जियां उड़ी। पंडाल में बैठने के लिए इस बात का कोई भी ध्यान नहीं रखा गया। सम्मेलन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता ये भूल गए थे कि यह कोरोना काल चल रहा है। इस दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है।