ऊना सदर से कांग्रेस विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने जिला पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ऊना में नकली आरटीओ बन ठगी-ठोरी करने वालों की जांच होनी चाहिए। पुलिस को मामला दबाने के स्थान पर सख्त कार्रवाई अमल में लानी होगी। एसपी ऊना ने जिस प्रकार से इस मामले में ढुलमुल रवैया दिखाया है, उससे साफ है कि पुलिस राजनैतिक दबाव में काम कर रही है। आरोपियों को ग़िरफ्त में लेने के बजाय छोड़ने का काम किया जा रहा है।
रायजादा ने कहा कि जिला ऊना में जिस प्रकार से अवैध खनन फल-फूल रहा है। भाजपा के ही कुछ लोग ठगी-ठोरी करने के लिए नकली अधिकारी बन रहे हैं। अब ये कौन लोग है, जो अधिकारियों को भी नहीं बक्श रहे। ईमानदारी का लिवास ओढ़े हुए भाजपा के नेता रात के अंधेरे में खनन माफिया के माई-बाप बन रहे हैं, जो कि शर्म की बात है। इससे भी निंदनीय कार्य ऊना पुलिस का है, जो कि न तो अवैध खनन को रोक पा रही है और न ही नकली अधिकारी बन लूट खसूट करने वालों पर कार्रवाई कर पा रही है।
विधायक ने कहा कि पुलिस का काम अपराधी को पकड़ना है, लेकिन ऊना में एसपी इतने कुशल है कि उनके नेतृत्व में अपराधियों को छोड़ा जा रहा है। गंभीर मामले में भी समझौते करवाए जा रहे हैं। ऐसे में पुलिस कप्तान को ये बताना होगा कि आखिर वे कुर्सी पर बने रहने के लिए किन राजनैतिक नेताओं को खुश करने का प्रयास कर रहे हैं। जिला में पहली बार अपराधियों को संरक्षण देने का काम पुलिस द्वारा किया जा रहा है। केवल चालान करने तक सीमित ऊना पुलिस न तो ट्रैफिक व्यवस्था सुधरी है और न सडक़ हादसे कम हुए है,।
पुलिस की उपलब्धि बस इतनी है कि रेत, बजरी, नशा का कारोबार खूब फलफूल रहा है और अब नकली अधिकारी भी दनदना रहे हैं। विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि विधानसभा के अगस्त में होने वाले मानसून सत्र में अवैध खनन के मामले को उठाया जाएगा। वहीं रेत के जो डंप लगे हैं और पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने के मामले को भी सदन में उठाउंगा।