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सत्र टालने पर बोलीं आशा कुमारी, सरकार की नाकामी है जहां प्रदेश के मुद्दों को नहीं सुना जा रहा

मृत्युंजय पुरी |

डलहौज़ी से कांग्रेस विधायक ने शीतकालीन सत्रो के लेकर जयराम सरकार को आड़े हाथों लिया है। आशा कुमारी ने कहा कि सत्र ना बुलाना सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है। इस बार विधानसभा सत्र को लेकर हमने कई सवाल तैयार किए थे लेकिन जब सरकार के पास कांग्रेस पार्टी के विधायकों का डाटा गया तो सरकार ने बचने के लिए विधानसभा सत्र ही टाल दिया। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है जहां प्रदेश के लोगों के मुद्दों को नहीं सुना जा रहा है।

प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि विधानसभा सत्र 6 महीने में कभी भी हो  सकता है। लेकिन हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां नियम में यह प्रावधान किया है कि साल में 35 सिटिंग करवानी ही होगी। लेकिन पिछले 3 सालों में सरकार हर साल 35 सिटिंग करवाने में नाकाम साबित हुई है। हिमाचल प्रदेश आज देश के नंबर एक राज्य के रूप में उभरा है। कोरोना वायरस को लेकर ऐसे में हमें सुधार करने की जरूरत है।

आशा कुमारी ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने एसपी और डीसी कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2 महीनों में अधिक कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा है। हमारा सवाल यह है कि अगर 2 महीनों में बड़ा है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है? सरकार ने स्कूल खोलें हमने पहले कहा मत खोलिए फिर बच्चे संक्रमित हुए सरकार को स्कूल बंद करने पड़े। हिमाचल प्रदेश में पर्यटक आने चाहिए, हमने कहा टेस्टिंग होनी चाहिए सरकार ने बॉर्डर खोल दिए। प्रदेश के उच्च न्यायालय ने भी कहा है कि जितने बाहर से लोग आएंगे सब की टेस्टिंग होनी चाहिए हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए विधानसभा में बात करना मुद्दे उठाना यह कांग्रेस पार्टी करती रहेगी हमारे लिए हिमाचल प्रदेश की जनता सर्वोपरि है और उनके  लिए हमेशा आगे रहेंगे।