हिमाचल विधानसभा चुनावो में मिली हार का ठीकरा कांग्रेस ने एक बार फिर ईवीएम पर फोड़ा दिया है। इसको लेकर कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग के कार्यालय पहुंच कर भारत के मुख्या निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन भेजा और आगामी चुनाव बैलेट पेपर पर करवाने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि कई क्षेत्रो से छेड़छाड की शिकायतें मिली है और ईवीएम से मतदान को लेकर भी कई सवाल उठे हैं, जिसके चलते ये कार्रवाई की गयी है।
शिमला में सोमवार को कार्यकारणी की बैठक में सदस्यों ने ईवीएम से छेड़छाड़ की बात कही, जिसके बाद कांग्रेस पदाधिकारी कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ निर्वाचन आयोग के कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सोंप कर लोकसभा के चुनाव बैलेट पेपर पर करवाने की मांग की। कांग्रेस ने आरोप लगाया की कई क्षेत्रो में कांग्रेस के उम्मीदवार काफी कम मार्जन से हारे हैं और अगर मोदी की लहर होती तो बीजेपी के सीएम उम्मीदवार भी जीतते और बीजेपी अध्यक्ष भी जीतते।
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ज्ञापन में प्रदेश अध्यक्ष सुक्खू ने साफ कहा कि कई विधानसभा से बूथों से ब्यौरा आया है, उसमें ईवीएम से छेड़छाड़ बताई गई है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। सुक्खू ने कहा है कि सत्ता हथियाने के लिए कुछ स्वार्थी लोग लोकतंत्र को भी दांव पर लगाने से गुरेज नहीं कर रहे। सबसे बड़ा सवाल चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए प्रयोग लाई जा रही ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों के कारण पूरे सिस्टम पर उठा है। ईवीएम की निष्पक्षता सवालों के घेरे में है। अनेक चुनावों के अप्रत्याशित चुनाव नतीजों से ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों पर संदेह पुख्ता भी हुआ है। इसलिए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी आपसे मांग करती है कि देश में आने वाले समय में होने वाले चुनाव ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से ही कराए जाएं।
उधर, सयुंक्त मुख्या निर्वाचन अधिकारी विकास सूद ने ईवीएम से छेड़छाड़ होने की आशंकाओं से इनकार करते हुए कहा की ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नही है। उन्होंने कहा कि जो हारे हुए उम्मीदवार होते हैं, वही इसके बारे में सवाल नहीं उठाते। कांग्रेस ने इसको लेकर ज्ञापन सौंपा है, उसे भारत के मुख्या निर्वाचन अधिकारी को भेज दिया जायेगा।