कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला को अपने घर पर खाने के लिए बुलाकर पंडित सुख राम ने एक साथ कई निशाने साध डाले। राजीव शुक्ला को डेढ़ बजे वापस लौटना था। आयोजक जल्द से जल्द कार्यक्रम खत्म करना चाहते थे, मगर बड़े नेताओं के अलावा किसी को मालूम नहीं था कि कार्यक्रम के बाद राजीव शुक्ला और अन्य नेताओं का लंच पंडित सुख राम के घर पर होगा। आश्रय शर्मा ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर किए तभी पता चला कि सभी बड़े नेता कार्यक्रम के बाद पंडित सुख राम के नए घर बाड़ी गुमाणू पहुंचे और वहां पर लंच किया।
सुख राम अब अपने पोते आश्रय शर्मा को राजनीति में सही तरीके से फिट करने में लगे हैं। पहले अपने बेटे अनिल शर्मा के प्रदेश भाजपा सरकार में मंत्री होते हुए भी अपने पोते को मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली। अब सुख राम अपने पुराने संबंधों के चलते अपने पोते को कांग्रेस में सही तरीके से फिट करने में लगे हैं। राजीव शुक्ला से उनकी पुरानी और अच्छी जान पहचान है। ऐसे में मंडी से विधानसभा का अगला टिकट आश्रय शर्मा के लिए लगभग तय है। ऐसे में अनिल के पिछले चुनावों में ऐन मौके पर भाजपा में चले जाने से कौल की जिला परिषद सदस्य बेटी चंपा ठाकुर को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था।
अब लगता है कि चंपा ठाकुर का पता साफ कर दिया गया है। पंडित सुख राम अपने बेटे अनिल शर्मा जो इस समय तकनीकी तौर पर तो भाजपा के विधायक हैं मगर भाजपा के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होते के लिए भी कोई खास पद मांग सकते हैं। अब पंडित सुखराम ने कांग्रेस प्रभारी को अपने घर खाने पर बुलाकर कौन सा दांव खेला है इसका खुलासा कुछ दिनों में सामने आ सकता है।