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सीमाएं खोलने से बढ़ेगा कोरोना, केन्द्र के तुग़लकी फ़रमान के दबाव में लिया फैसला: राठ़ौर

पी. चंद |

देश में कारोना बीमारी लगातार अपने पांव पसार रही है। भारत कारोना के मामलों में दुनियाभर में तीसरे नम्बर पर पहुंच चुका है। देश में मामले और अधिक बढ़ने की संभावना है। सरकार ने शुरुआत में कारोना को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए थे। उसमें सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई। लॉक डाउन पूरी तरह से असफ़ल रहा। हिमाचल में भी कारोना का आंकड़ा 1000 को पार कर चुका है जिसके लिए सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं।

ये आरोप कांग्रेस पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने लगाए हैं। राठ़ौर ने कहा कि केन्द्र के दबाव में आकर हिमाचल सरकार  ने प्रदेश की सीमाएं खोल दी। प्रदेश सरकार हिमाचल के पक्ष को सही ढंग से केंद्र के समक्ष अपना पक्ष नहीं रख पाई औऱ प्रदेश सरकार ने केन्द्र के तुगलकी फ़रमान को मान लिया। अब सैंकड़ो गाड़ियां हिमाचल में प्रवेश कर रही हैं। 72 घण्टे की रिपोर्ट के बीच और बाद में भी ये पर्यटक संक्रमण ला सकते है। कई पर्यटक हिमाचल में बिना अनुमति के घुस आए है। जो कि प्रदेश के लिए बहुत बड़ा ख़तरा पैदा कर सकते हैं।

राठौर ने कहा कि एक तरफ हिमाचल के लोगों को संस्थागत संगरोध का नियम है तो दूसरी तरफ पर्यटकों को खुली छूट उचित नहीं है। हॉटेल मालिकों की मनाही के बावजूद भी पर्यटकों को बुलाने का फैसला क्यों लिया गया। मुख्यमंत्री हिमाचल को कवारेटिन डेस्टिनेशन बनाना चाहते थे अब कारोना डेस्टिनेशन बनाने जा रहे है। इसके ख़िलाफ़ जनता सड़कों में उतरेगी। बसों में सोशल डिस्टेंसिंग कहा रह गई। क्या पैदल चलने वालों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग है।

सरकार के पास कोई नीति नहीं है। लोगों को अब भगवान भरोसे छोड़ दिया है। कांग्रेस मांग करती है कि सीमाओं में निर्धारित संख्या से ज़्यादा भीड़ न जुटे। जय राम सरकार केन्द्र से इस मुद्दे हो उठाए ताकि हिमाचल के ग्रामीण इलाकों को कारोना से बचाया जा सके। 9 से 27 जुलाई तक कांग्रेस पार्टी वन महोत्सव मनाएगी और पौधे लगाएगी। सेब सीजन के चलते बागवान नेपाली मंज़दूरों की कमी से जूझ रहे है औऱ सरकार इस पर भी गंभीर नहीं नज़र आ रही।