सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर सरकार ने भले ही रूख साफ कर दिया है। लेकिन, ये बात कांग्रेस के ज़हन में नहीं उतर रही और अब कांग्रेस के दो गुट इसे लेकर फिर राजनीति करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
30 मार्च को जहां प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह ने सीयू का पूरा कैंपस देहरा में बनाने की बात कही, वहीं अब धर्मशाला से वीरभद्र गुट के सुधीर शर्मा ने सीयू का कैंपस धर्मशाला में बनाने को लेकर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। सुक्खू पर तंज कसते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि जब सीयू का निर्णय हुआ था, तब वे सरकार में ही नहीं थे। अब जब चुन कर आये हैं, तो उन्हें इसकी बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।
यही नहीं, पूर्व विधायक ने लगे हाथ सरकार पर भी आरोप लगाए और कहा कि सरकार ने धर्मशाला में कैंपस नहीं बनाना चाहती। जयराम सरकार में सिर्फ सीयू का मुद्दा दबाने के लिए किशन कपूर को मंत्री बनाया गया है। मौजूदा सरकार नहीं चाहती का सीयू का निर्माण धर्मशाला में हो और कपूर भी उनका पूरा साथ दे रहे हैं।
याद रहे कि सरकार ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 2 कैंपस बनाने की बात कही थी, जिसमें इसपर राजनीति का कोई मुद्दा नहीं बाकी रह गया था। एक कैंपस धर्मशाला और दूसरा देहरा में बनाने के बात की गई थी। लेकिन जिस तरह कांग्रेस प्रदेश चीफ सुक्खू का वयान और सुधीर शर्मा की रैली निकली है, उससे साफ़ तौर पर वीरभद्र-सुक्खू की आपसी कलह सामने आ रही है।
कपूर के बयान का पलटवार
कपूर के बयान का पलटवार करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि वे उनपर पर्यटन का षड्यंत्र रचने की बात करते हैं। लेकिन, यदि उन्हें इतना ही भरोसा है तो वे जांच क्यों नहीं करवाते। यदि ये आरोप सिद्ध हुए तो मैं राजनीति हमेशा के लिए छोड़ दूंगा और यदि नहीं, तो वे अपने पद से इस्तीफा दें। कपूर को ये तक नहीं पता कि नगर निगम का कार्यालय अलग है और स्मार्ट सिटी का अलग। उन्हें पहले इसकी जानकारी जुटा लेनी चाहिए, उसके बाद नगर निगम में बैजनाथ के लोगों के काम करने वाली बात कहनी चाहिए।