लोकसभा चुनावों के नज़दीक आते ही कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी तेज हो गई है। संगठन में हुए बदलाव के बाद नेताओं ने खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ बयान देना शुरू कर दिये हैं। सुक्खू और पदाधिकारियों द्वारा करवाये गए जुबानी तीर पर वीरभद्र ने विधायकों के माध्यम से फीडबैक दिया है।
11 विधायकों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि सुक्खू के बयान केवल वीरभद्र सिंह को नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी को अपमानित करते हैं। सुक्खू की निष्क्रिय कार्यशैली को देखते हुए हाईकमान ने उन्हें चुनावों से पहले हटाया है। पिछले विधानसभा चुनावों में उन्होंने पार्टी की साख़ पर बट्टा लगाया है। जिन लोगों को उन्होंने टिकट दिए हैं वे सभी नेता अपनी ज़मानत तक नहीं बचा पाए।
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वीरभद्र के पक्ष में बोलते विधायकों ने सुक्खू के तमाम सवालों पर उन्हीं को जिम्मेदार ठहराया। जीत के लिए वीरभद्र की जरूरत के बयान पर विधायकों ने कहा कि उनका ये बयान सभी मर्यादाओं को लांघता है। वीऱभद्र सिंह का उनके साथ कोई व्यक्ति मदभेद नहीं है। आगामी चुनावों को देखते हुए वे गुटबाजी ख़त्म कर दें और एक हो जाएं।