कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने बंजार बस हादसे में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा किया है। शिमला में मीडिया के साथ बातचीत में राठ़ौर ने कहा कि बंजार बस हादसे में 45 लोगों की मौत हुई। यदि किसी दूसरे देश मे ऐसी घटना होती तो प्रशासन सड़कों पर होता और जिम्मेदार लोगों से इस्तीफे मांग लिए जाते। परिवहन मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, जबकि इसके उलट परिवहन मंत्री ने बस मालिक को क्लीन चिट दे दी।
राठौर ने कहा कि सीएम ने न्यायिक जांच के आदेश दिए लेकिन मंत्री क्लीन चिट दे चुके हैं और बस ऑपरेटर को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बस चालक को तीन रूट दिए हैं जहां बसें खचाखच भरी रहती हैं। मौजूदा वक्त में निगम की 700 में से 370 बसें खड़ी हैं जिनमें 25 बसें कुल्लू में खड़ी हैं तो मंत्री जी बताएं ये बसें क्यों खड़ी हैं? आखिर उन बसों का प्रयोi क्यों नहीं किया जा रहा है। परिवहन मंत्री के बयान विरोधाभासी हैं।
आज तक नूरपुर बस हादसे की जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई तो फिर इस जांच का क्या औचित्य रह जायेगा। हादसों के बाद जांच पड़ताल के नाम पर थोड़े दिन आम लोगों को परेशान किया जाएगा, जबकि सड़कों की दशा नहीं सुधारी जा रही और न ही ब्लैक स्पॉट ठीक किए गए। पैरापिट और क्रेश बैरियर भी लगाए जाएं। मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र के बीएलओ ने बताया कि ये बसें ऐसी सड़कों पर चलाई जा रही हैं जहां खचरें भी नहीं चल सकती। हादसे में घायल लोगों के उपचार के समय बंजार अस्पताल में प्राथमिक केंद्र में उपचार तक उपलब्ध नहीं करवाया। लाइट नहीं थी और मोबाइल की रोशनी में फर्स्ट ऐड दी गई। हेली एम्बुलेंस की बात भी हवा हवाई है। हेलीकॉप्टर था लेकिन घायलों के लिए उपयोग नहीं किया गया। घायलों को कम से कम 50 हजार रुपये की राहत राशि देनी चाहिए। साथ ही गरीब बच्चों का भरण पोषण सरकार करे।
कुलदीप राठौर ने कहा कि सेब बाहुल क्षेत्र में स्कैब की बीमारी फैलने लग गई है। ये 1983 में भी फैला था जिस पर काबू पा लिया गया। इसकी दवाई बहुत महंगी है इसलिए सरकार फंगीसाइड को बागवानों को सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए। सड़कों की दशा भी युध्दस्तर पर सुधारी जानी चाहिए। भाजपा ने जीत के बाद पूरे प्रदेश को बड़े होर्डिंग बेनर से पाट दिया है। जनता को बताएं कि क्या ये होर्डिग भाजपा ने अपने पैसे से लगाए हैं या फिर सरकारी खर्च से लगाए हैं।