विधानसभा में हुए प्रकरण को लेकर गतिरोध थमता नज़र नहीं आ रहा है। विधानसभा की तरफ से 5 सदस्यों का निलंबन और उसके बाद एफआईआर करने को लेकर विपक्ष मुखर है। सरकार विपक्ष को बख्शने के मूड़ में नज़र नहीं आ रहा है जबकि विपक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है। दोनों दल मामले पर एक दूसरे के ऊपर कीचड़ उछाल रहे है और विधानसभा प्रकरण का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है। मामले में प्रदेश की सियासत उफ़ान पर है और अब सबकी निगाहें कल के तूफान पर टिकी है।
विपक्ष की तरफ से आज अढ़ाई साल बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू कांग्रेस ऑफिस में विधायकों की बात रखने पहुंचे। सुक्खू ने बताया कि विधानसभा प्रकरण सरकार की नाकामी का नतीजा है। यदि सरकार बातचीत के ज़रिए हल निकाल लेती तो ये नोबत नहीं आती। हंगामे के लिए भाजपा के उपाध्यक्ष और मंत्रियों ने उकसाया। उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही करने के बजाए सरकार ने विपक्ष के 5 सदस्यों पर कार्यवाही की जो राजनीति से प्रेरित है। कांग्रेस पार्टी कनूनी कार्यवाही के लिए वकीलों से राय ले रही है। विधानसभा सत्र को लेकर पार्टी कल विधायक दल की बैठक में रणनीति बनाएगी।
इससे पहले मामले पर एनएसयूआई ने अंबेडकर चौक पर विरोध जताया और सरकार द्वारा कांग्रेस नेताओं के ख़िलाफ़ बनाये मामलों पर नारेबाज़ी की।