शिमला के डीडीयू अस्पताल में चौपाल की महिला द्वारा आत्महत्या करने के मामले पर सियासी रंग चढ़ना शुरू हो गया है। आत्महत्या में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर कांग्रेस ने अस्पताल के बाहर हल्ला बोला। इसी बीच कांग्रेस में गुटबाजी भी सरेआम नज़र आई। आत्महत्या मामले को लेकर पहले जहां कांग्रेस नेता हरीश जनारथा गुट ने अस्पताल के गेट में धरना प्रदर्शन दिया, वहीं कुछ देर बाद शिमला शहरी के जितेंद्र चौधरी गुट ने चक्का जाम किया।
दोनों ही विरोध प्रदर्शनों में कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा मांगा और मामले की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग उठाई। जिला शिमला शहरी कांग्रेस कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पहले बाजुओं में काली पट्टी बांध कर धरना प्रदर्शन किया और पूरे प्रकरण के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पहले ही डीडीयू को कोविड सेंटर बनाने पर आपत्ति जाहिर की थी। लेकिन सरकार ने नहीं मानी। पर्याप्त डॉक्टर औऱ स्टाफ की कमी के चलते प्रशासन मरीज़ों को खतरे में डाल रहा है। महिला ने आत्महत्या की है जिसकी जांच होनी चाहिए। लापरवाही बरतने वाले प्रशासन औऱ बाकी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं, जिला शिमला शहरी के अध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी ने महिला की आत्महत्या में बरती गई लापरवाही को लेकर स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा मांगा। साथ ही उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई। जांच न करने की स्थिति में आंदोलन को और उग्र करने की चेतावनी दी। अस्पताल में महिला का आत्महत्या करना सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। मरीज अस्पताल में भी सुरक्षित नहीं है तो लोग कंहा जाएंगे।